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Wednesday, July 22, 2009
"रात की खामोशी रास नहीं आती"
रात की खामोशी रास नहीं आती,
मेरी परछाई भी अब मेरे पास नहीं आती,
कुछ आती है तो बस तेरी याद,
जो आकर एक पल भी मुझसे दूर नहीं जाती
1 comment:
अमिताभ श्रीवास्तव
said...
wah ji wah/ bahut achhe she'r.
July 23, 2009 at 8:01 PM
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कुछ इस तरह...
तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई...
दो प्यार करने वालो को...
1 comment:
wah ji wah/ bahut achhe she'r.
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