Saturday, October 10, 2009

सामाजिक मानसिक संक्रिणता का शिकार एक और प्रेमी-युगल

समझ नहीं आता की हम आज 21वीं सदी में जी रहे हैं। कहने को तो हमने बहुत तरक्‍की की है। हम बहुत मॉर्डन हो गए हैं। परन्‍तु सोच से हम आज भी पिछडे हुए हैं। एक लडके और एक लडकी का आपस में प्‍यार करना आज भी हमारे समाज में एक अपराध समझा जाता है। क्‍योंकि ऐसा करने से समाज में उनका सिर नीचा हो जाता है और किस समाज की बात करते हैं हम वो समाज जो कि मुसिबत पडने पर कभी सहायता के लिए आगे नहीं आता है हां पीछे खडा होकर तमाशा देखने और बातें बनाने के कुछ नहीं करता। जब तक हमारी सोच इसी तरह पीछडी रहेगी तब तक मोनिका-गौरव जैसे प्रेमी इस सामाजिक मान‍सिक संक्रिणता का शिकार होते रहेंगे।


मोनिका-गौरव केस में दिल्ली हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद साहिबाबाद पुलिस ने तत्कालीन थाना प्रभारी, आईओ सब-इंस्पेक्टर समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गौरव की तहरीर पर कानूनी धाराओं का उल्लंघन, आरोपियों को बचाने का प्रयास और गैरकानूनी ढंग से बंधक बनाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के बाद अब एसएसपी अखिल कुमार ने पूरे मामले की जांच एएसपी हैप्पी गुप्तन से लेकर एसपी सिटी राहुल यादवेंदु को सौंप दी है।


रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के गौतमनगर निवासी गौरव ने 6 जुलाई को साहिबाबाद निस्तौली में रहने वाली मोनिका के साथ आर्यसमाज रीति से विवाह किया था। इधर, मोनिका के परिजनों ने गौरव के खिलाफ नाबालिग का अपहरण करने का मामला दर्ज कराया था। आरोप हैं कि 12 जुलाई को और दिल्ली पुलिस ने मोनिका और गौरव को दिल्ली से साहिबाबाद थाने लाई। मोनिका द्वारा खुद को बालिग बताने के बावजूद पुलिस ने बिना जांच किए गौरव को जेल भेज दिया था। हालांकि बाद में मोनिका के कोर्ट में बयान देने के बाद उसे बेल मिल गई थी। मामला दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंचने पर कोर्ट ने 7 अक्टूबर को मोनिका को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिल्ली और साहिबाबाद पुलिस को दिए।


इधर 16 सितंबर को मोनिका की मौत होने के बारे में दिल्ली पुलिस को बता दिया। 7 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने साहिबाबाद पुलिस का पक्ष रखने गई एएसपी हैप्पी गुप्तन ने न केवल पुलिस की गलती स्वीकारी, बल्कि कोर्ट के समक्ष कहा था कि अब गौरव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होगी। इसके बाद गुरुवार गौरव ने साहिबाबाद थाने में तहरीर दी और देर रात को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। रिपोर्ट में साहिबाबाद के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर योगेश पाठक, आईओ सब-इंस्पेक्टर नीरज गौतम, मोनिका के भाई, मां, बहनोई, 2 चाचा, और 2 चचेरे भाइयों को नामजद किया गया है।

साभार: नवभारत टाइम्‍स

1 comment:

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही अच्‍छी कविता लिखी है
आपने काबिलेतारीफ बेहतरीन



SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com