Friday, October 30, 2009

एक गोत्र में प्यार और फिर शादी करने पर सजा-ए-मौत

एक बार फिर इंसानियत को बदनाम करते हुए एक गोत्र में प्यार और फिर शादी करने पर लड़की के घर वालों ने कपल्स को ऐसी सजा दी है कि सुनने वाले भी सिहर जाएं। मामला कहीं दूर का नहीं भारत की राजधानी के नरेला इलाके का है। प्रेमी जोड़े के घर से भागकर शादी करने के बाद लड़की के घरवालों ने बहाने से दोनों को वापस बुलाया। इसके बाद लड़के की हत्या कर दी और युवती को घर में बंधक बनाए रखकर कुछ रिश्तेदारों ने बलात्कार भी किया। किसी तरह लड़की अपने परिवार वालों के चंगुल से भागने में सफल रही और नरेला थाने में आकर इसकी खबर दी। इसके बाद सोनीपत की नहर से युवक की लाश निकालकर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। लड़की के पिता और नाबालिग भाई समेत पांच मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया है।

सोनीपत के महारा गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह (24) का प्रेम अपने ही गांव की लड़की (22) से था। समान गोत्र होने के कारण लड़की के परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। 2006 में दोनों ने गांव से भागकर शादी कर ली। वीरेंद्र के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करा दिया गया। लड़की के घरवालों ने दोनों को खोज लिया। वीरेंद्र को जेल भिजवाने के बाद लड़की की शादी जींद में जयपाल नामक शख्स से कर दी गई।

जयपाल वीरेंद्र से रिश्ते के बारे में अपनी पत्नी को अपशब्द कहने लगा। परेशान होकर लड़की ने वीरेंद्र से संपर्क किया। दोनों अपने घरों से एक बार फिर भागकर दिल्ली के समयपुर बादली में रहने लगे। उन्होंने चंडीगढ़ में शादी की और हरियाणा के समालखा में बस गए। लड़की के घरवाले दोनों की तलाश शिद्दत से कर रहे थे। उनके गांव के रहने वाले इंद्रजीत नामक व्यक्ति को उनके पते का सुराग मिल गया। उसने इन दोनों से संपर्क कर उन्हें दिवाली साथ मनाने के लिए कहा।

पति-पत्नी उसकी बातों में आ गए। इंद्रजीत ने उनसे नरेला में संदीप के घर आने के लिए कहा। संदीप लड़की के चाचा का पोता यानी भतीजा है। वीरेंद्र अपनी पत्नी के साथ संदीप के घर पहुंचा। वहां इंद्रजीत और संदीप मौजूद थे। उन्हें यह मालूम नहीं था कि कुछ देर बाद लड़की के परिवार के लोग भी वहां आने वाले हैं। करीब 10 बजे लड़की का पिता दया सिंह, लड़की का 17 साल का भाई और उनके गांव में रहने वाला पवन वहां आ गए।

लड़की को जबरन दूसरे कमरे में ले जाया गया। उससे अलग कमरे में वीरेंद्र के कपड़े उतारकर उसकी जबर्दस्त पिटाई शुरू की गई। लड़की के मुताबिक, उसके भतीजे संदीप और इंद्रजीत ने उससे रेप किया। बाद में वह साइड वाले कमरे में गई तो वहां उसने वीरेंद्र को बुरी तरह पिटते देखा। उसकी पिटाई रात 3 बजे तक चली। 3:30 बजे गला घोंटकर वीरेंद्र की हत्या कर दी गई।

रात में संदीप की मारुति वैन में लाश को सोनीपत में नरा गांव के पास नहर किनारे ले जाया गया। वहां वीरेंद्र के गले में प्लास्टिक की रस्सी डालने के बाद उसे पत्थर से बांधकर नहर में फेंक दिया गया। पुलिस के मुताबिक, मुलजिमों का प्लान लड़की को भी कत्ल करना था। किसी तरह वह 22 अक्टूबर को उनके शिकंजे से भाग निकली। वह अपने किसी जानकार के पास नजफगढ़ गई। इसके बाद हिम्मत जुटाकर उसने नरेला आकर पुलिस को खबर दी।

स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर पूरण पंत और एसआई जसमोहिंदर चौधरी, दीपक मलिक आदि पुलिसकर्मियों ने नहर से वीरेंद्र की लाश निकाली। दया सिंह, संदीप, इंद्रजीत, पवन और लड़की के नाबालिग भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। मारुति वैन भी जब्त कर ली गई।

यह सब देखकर हैरानी होती है कि हम अपने को इंसान कहते हैं। जिसके अंदर संवेदना होती है। हम तो जानवर से भी गए गुजरे हैं। वो भी अपने बच्‍चों की रक्षा करता है। हम तो जानवरों से भी गए गुजरे हैं। अपने ही बच्‍चों की खुशियों का गला घोंटकर उससे हमें खुशी मिलती है।

Monday, October 26, 2009

जलेबी या पान खिलाकर प्रेमिका को भगा ले जाओ

यूँ तो किसी को जलेबी या पान का बीड़ा खिलाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन यदि गौण्ड समाज का ठाठिया उत्सव हो तो समझ लीजिए कि पान और जलेबी की आड़ में एक प्रेम कहानी परवान चढ़ रही है।

दरअसल आदिवासियों और उनमें भी खासकर गौण्ड समाज में यदि कोई नौजवान किसी कन्या को पान का बीड़ा या जलेबी दे तो इसका मतलब है कि वह लड़की को अपना प्रणय प्रस्ताव भेज रहा है और अगर लड़की उसे खा ले तो समझ लेना चाहिए कि लड़की ने उस प्रणय निवेदन को स्वीकार कर लिया है। प्रेम की भाषा समझने के बाद लड़के को उस लड़की को भगा ले जाना होता है और फिर बज उठती है शहनाई।

एक बार भाग जाने के बाद ऐसे प्रेमी युगल को दोनों पक्षों के परिवारजनों की स्वीकृति मिलना लाजिमी होता है और फिर इन्हें अज्ञातवास से बुला कर इनके ब्याह की रस्म पूरी कर दी जाती है। इस तरह उलझी सी जलेबी उनके प्यार की उलझन सुलझाने का जरिया बन जाती है

Thursday, October 22, 2009

मेरे पति को पापा और भैया ने मरवायाः आंचल

जम्मू-कश्मीर की ये कहानी दिल दहला देने वाली है। आंचल की आज एक ही ख्वाहिश है कि उसके पिता और भाई के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। आंचल का आरोप है कि पिता और भाई ने ही पुलिसवालों के साथ मिलकर उसके पति की हत्या की है।

श्रीनगर में रहने वाली आंचल ने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जम्मू के रजनीश से शादी की थी। आंचल की मानें तो उसका परिवार शुरू से ही रजनीश के पीछे पड़ा हुआ था इसलिए ये जोड़ा घर के बाहर ही रह रहा था। 30 सितंबर को आंचल अपने पति के साथ उसके घर जम्मू पहुंची और उसी समय पुलिस रजनीश और उसके भाई को उठा कर ले गई। 3 अक्टूबर को रजनीश की थाने के भीतर बेदर्दी से हत्‍या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक रजनीश ने खुदकुशी कर ली थी लेकिन आंचल का आरोप है कि रजनीश ने खुदकुशी नहीं की है बल्कि उसे मारा गया है।

रजनीश की मौत 3 अक्टूबर को हुई और 5 अक्टूबर को उसका शव जम्मू पहुंचा। इंसाफ की आस लगाते लगाते आखिरकार परिवार ने सात दिन बाद रजनीश का अंतिम संस्कार शनिवार को कर दिया लेकिन आंचल के आंसू सबसे यही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या उसकी यही गलती थी कि उसने प्यार किया और अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की।

आंचल का पुराना नाम अमीना है जबकि उसके पति रजनीश कारोबार के सिलसिले में श्रीनगर जाते थे। वहीं दोनों के बीच प्यार हुआ। लेकिन आंचल के घऱवाले इस प्यार के खिलाफ थे। जैसे ही अमीना यानि आंचल ने शादी के लिए अपने घर, शहर और नाम छोड़ा उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। इस पूरी घटना के दौरान पुलिसवालों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। रिश्तेदारों का आरोप है कि शुरू से ही पुलिसवालों ने न सिर्फ आंचल के घरवालों का साथ दिया बल्कि उन्होंने ही मिलकर हत्या की साजिश रची।

आंचल ने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ 21 अगस्त को ही आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और उसी दिन उसके पिता ने श्रीनगर के एक थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवा दी। साथ ही ये बताया कि बेटी की उम्र 17 साल है। पुलिस ने अगवा करने के आरोप में रजनीश और उसके भाई को धर दबोचा। और दोनों भाई को श्रीनगर ले आई। यहीं थाने के भीतर 3 अक्टूबर को रजनीश एक फंदे से लटका मिला। पुलिस ने मौत की वजह खुदकुशी बताई हालांकि परिवार ने इससे साफ इनकार किया है।

वैसे इस मामले में रिश्तेदारों का आरोप बेवजह नहीं हैं।सवाल ये है कि आखिर थाने के भीतर ही कोई कैसे खुदकुशी कर सकता है? दस्तावेजों से साफ है कि आंचल की उम्र में 21 साल है, तो फिर पुलिस ने उसे नाबालिग क्यों मान लिया? जब आंचल ने साफ कर दिया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है, उसके बावजूद पुलिस रजनीश और उसके भाई को उठा कर क्यों ले गई?

साभार: आईबीएन-7

Wednesday, October 21, 2009

दिल के कोने से एक आवाज आती है...

दिल के कोने से एक आवाज आती है,

हमें हर पल उनकी याद आती है,

दिल पूछता है बार-बार हमसे,

जिन्हे हम याद करते हैं क्या?

उन्हें भी हमारी याद आती है।

Tuesday, October 20, 2009

मोहब्बत का गम होता बहुत है

मोहब्बत का गम होता बहुत है,

के अब ये लफ्ज भी रूसवा बहुत है,

उदासी का सबब मैं क्या बताऊं,

गली-कूचो में सन्नाटा बहुत है,

ना मिलने की कसम खा के भी मैंने,

तुझे हर राह मैंने ढूंढा बहुत है,

ये आंखें क्या देखें किसी को,

इन आंखों ने तुझे देखा बहुत है,

ना जाने क्यूं बचा रखें हैं आंसू,

शायद मुझे रोना बहुत है,

तुझे मालूम तो होगा मेरे हमदम,

तुझे एक शख्स से चाहा बहुत है।

Friday, October 16, 2009

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...


सभी दर्दे दिल पढने वालों को
दर्दे दिल की तरफ से
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

Saturday, October 10, 2009

सामाजिक मानसिक संक्रिणता का शिकार एक और प्रेमी-युगल

समझ नहीं आता की हम आज 21वीं सदी में जी रहे हैं। कहने को तो हमने बहुत तरक्‍की की है। हम बहुत मॉर्डन हो गए हैं। परन्‍तु सोच से हम आज भी पिछडे हुए हैं। एक लडके और एक लडकी का आपस में प्‍यार करना आज भी हमारे समाज में एक अपराध समझा जाता है। क्‍योंकि ऐसा करने से समाज में उनका सिर नीचा हो जाता है और किस समाज की बात करते हैं हम वो समाज जो कि मुसिबत पडने पर कभी सहायता के लिए आगे नहीं आता है हां पीछे खडा होकर तमाशा देखने और बातें बनाने के कुछ नहीं करता। जब तक हमारी सोच इसी तरह पीछडी रहेगी तब तक मोनिका-गौरव जैसे प्रेमी इस सामाजिक मान‍सिक संक्रिणता का शिकार होते रहेंगे।


मोनिका-गौरव केस में दिल्ली हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद साहिबाबाद पुलिस ने तत्कालीन थाना प्रभारी, आईओ सब-इंस्पेक्टर समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गौरव की तहरीर पर कानूनी धाराओं का उल्लंघन, आरोपियों को बचाने का प्रयास और गैरकानूनी ढंग से बंधक बनाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के बाद अब एसएसपी अखिल कुमार ने पूरे मामले की जांच एएसपी हैप्पी गुप्तन से लेकर एसपी सिटी राहुल यादवेंदु को सौंप दी है।


रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के गौतमनगर निवासी गौरव ने 6 जुलाई को साहिबाबाद निस्तौली में रहने वाली मोनिका के साथ आर्यसमाज रीति से विवाह किया था। इधर, मोनिका के परिजनों ने गौरव के खिलाफ नाबालिग का अपहरण करने का मामला दर्ज कराया था। आरोप हैं कि 12 जुलाई को और दिल्ली पुलिस ने मोनिका और गौरव को दिल्ली से साहिबाबाद थाने लाई। मोनिका द्वारा खुद को बालिग बताने के बावजूद पुलिस ने बिना जांच किए गौरव को जेल भेज दिया था। हालांकि बाद में मोनिका के कोर्ट में बयान देने के बाद उसे बेल मिल गई थी। मामला दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंचने पर कोर्ट ने 7 अक्टूबर को मोनिका को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिल्ली और साहिबाबाद पुलिस को दिए।


इधर 16 सितंबर को मोनिका की मौत होने के बारे में दिल्ली पुलिस को बता दिया। 7 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने साहिबाबाद पुलिस का पक्ष रखने गई एएसपी हैप्पी गुप्तन ने न केवल पुलिस की गलती स्वीकारी, बल्कि कोर्ट के समक्ष कहा था कि अब गौरव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होगी। इसके बाद गुरुवार गौरव ने साहिबाबाद थाने में तहरीर दी और देर रात को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। रिपोर्ट में साहिबाबाद के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर योगेश पाठक, आईओ सब-इंस्पेक्टर नीरज गौतम, मोनिका के भाई, मां, बहनोई, 2 चाचा, और 2 चचेरे भाइयों को नामजद किया गया है।

साभार: नवभारत टाइम्‍स