Saturday, February 28, 2009

"विश्वास की एक डोरी है मोहब्बत"


विश्वास की एक डोरी है मोहब्बत,

बेताब दिल की मजबूरी है मोहब्बत,

ना मानो तो कुछ भी नहीं,

मानो तो भगवान की कमजोरी है मोहब्बत।

Friday, February 27, 2009

"कुछ खास हो तुम"


प्यारा सा अहसास हो तुम,

हर पल मेरे पास हो तुम,

जीने की एक आस हो तुम,

मन का एक विश्वास हो तुम,

शायद इसलिए कुछ खास हो तुम।

Thursday, February 26, 2009

"बस तेरे पास लौट आने को 'जी' चाहता है"


ना मुस्कुराने को 'जी' चाहता है,

ना आंसू बहाने को 'जी' चाहता है,

लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,

बस तेरे पास लौट आने को 'जी' चाहता है।

Wednesday, February 25, 2009

"तुमसे कोई रिश्ता बना तो सही"


चुपचाप कहीं रखा तो है,
एक ख्वाब हमने देखा तो है,

कल शाम यूं ही तनहा बैठकर,
तेरे बारे में सोचा तो है,

डूबते सूरज, उगते चांद पर,
तेरे लिए पैगाम भेजा तो है,

बहती हवा, सागर की लहरों पर,
तेरा ही नाम लिखा तो है,

आसमान को जब गौर से देखा,
तेरा ही चेहरा दिखा,

करीब का नहीं दूर से सही,
तुमसे कोई रिश्ता बना तो सही।

Tuesday, February 24, 2009

"मिल गई हो जिसे मोहब्बत तुम्हारी"


बहुत खुबसुरत है ये साथ तुम्हारा,

बना दीजिए इसे किस्मत हमारी,

उसे और क्या चाहिए दुनिया में,

मिल गई हो जिसे मोहब्बत तुम्हारी।

Saturday, February 21, 2009

"पत्थर की है दुनिया, जज्बात नहीं समझती"


पत्थर की है दुनिया, जज्बात नहीं समझती,

दिल में है क्या वो बात नहीं समझती,

तनहा तो चांद भी है सितारों के बीच,

मगर चांद का दर्द बेवफा रात नहीं समझती।

Friday, February 20, 2009

"एक रात हुई बरसात बहुत"


एक रात हुई बरसात बहुत
मैं रोया सारी रात बहुत

हर गम था जमाने का लेकिन
मैं तनहा था उस रात बहुत

फिर आंख से ईक सावन बरसा
जब सहर हुई तो ख्याल आया

वो बादल कितना तनहा था
जो बरसा सारी रात बहुत

Thursday, February 19, 2009

"दूरियों का एहसास नहीं होता"


दूरियां बहुत हैं पर इतना तुम समझ लो

के पास रहकर भी कोई रिश्ता खास नहीं होता,

आप मेरे दिल के इतने पास हो

कि दूरियों का एहसास नहीं होता।

Wednesday, February 18, 2009

"फिर से रूठ जाने को दिल चाहता है"


उससे रोज मिलने को दिल चाहता है,

कुछ सुनने और सुनाने को दिल चाहता है,

था किसी के मनाने का अंदाज ऐसा कि,

फिर से रूठ जाने को दिल चाहता है।

Tuesday, February 17, 2009

"वो अलफाज कहां से लाऊं"


गा सकूं आपका नगमा वो साज कहां से लाऊं,

सुना सकूं कुछ आपको वो अंदाज कहां से लाऊं,

यूं तो चांद-तारों की तारीफ करना आसान है,

कर सकूं आपकी तारीफ वो अलफाज कहां से लाऊं।

Monday, February 16, 2009

"चांद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे"


चांद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे,

अपने हिस्से में मुकद्दर का लिखा मांगेंगे,

हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के,

हम रब से सिर्फ आपकी दुआ मांगेंगे।

Saturday, February 14, 2009

"हैप्पी वैलंटाइन डे"

प्रेम क्या है? इसको कोई भी व्यक्ति अभिव्यक्त नहीं कर सकता। प्रेम एक ऐसी अवस्था है जिसमें पहुंचने के बाद किसी भी व्यक्ति को अपनी सुध नहीं रहती। इसको तो वो ही समझ सकता है जिसने कि कभी प्यार किया हो। जिससे आपने प्रेम किया हो या जिसके पास तुम्हारे जीवन में प्रेम का झरना फूटा हो, तो तुम्हें पता चलेगा कि कुछ ऐसा हो जाता है- तुम तुम नहीं रह जाते; कहीं दीवारें गिर जाती हैं, सीमाएं धूमिल हो जाती हैं, भेद समाप्त हो जाते हैं। प्रेमी और प्रेयसी दूसरों को दिखाई तो पड़ते हैं, पर प्रेमी प्रेयसी में प्रविष्ट हो जाता है, प्रेयसी प्रेमी में प्रविष्ट हो जाती है। वहां भेद करना मुश्किल हो जाता है। कौन कौन है, इसका भी पता चलाना मुश्किल हो जाता है।

प्रेम का अर्थ है- दूसरा अपने जैसा मालूम पड़ने लगे, तभी प्रेम होता है। अगर दूसरा दूसरे जैसा मालूम पड़ता रहे तो 'काम'। 'काम' तो संसार का है; प्रेम परमात्मा का है।

बस, एक प्रेम ही करने जैसा है। एक प्रेम ही बस होने जैसा है। एक प्रेम में ही डुबकी लगानी है और अपने को खो देना है। प्रेमी को पता भी नहीं चलता कि हुआ क्या है? और अपने को खो देता है, गंवा देता है। आपके अंदर जब तक अहंभाव है, तब तक तो प्रेम होगा ही नहीं। आप ही अवरोध हो। जहां आप गिरे, उधर प्रेम हुआ। आपके गिरने से ही प्रेम का उठना है। आप जब तक अकड़ कर खड़े हो, तब तक प्रेम नहीं हो सकता; तब तक आप लाख प्रेम की बातें करो, कोरी होगी, चले हुए कारतूस जैसी होगी, चलाते रहो, उससे कुछ नहीं होगा। बातचीत होगी, उसमें प्राण नहीं होंगे।

प्रेम कुर्बानी मांगता है। और छोटी-मोटी कुर्बानी नहीं, कुछ और देने से नहीं चलेगा। तुम कहो, धन दे देंगे, तुम कहो, यश दे देंगे; तुम कहो शरीर दे देंगे- नहीं, कुछ और देने से काम नहीं चलेगा, तुम्हें अपने को ही देना पड़ेगा। आपको तो अपने को ही समर्पण करना होगा। प्रेम तुम्हें मांगता है; तुमसे कम पर राजी नहीं होगा। तुम कुछ और देकर प्रेम को समझा नहीं पाओगे। प्रेम आपकी कीमत से मिलता है, अपने आप को दांव पर लगाने से। इसलिए प्यार भी कोई इतनी सस्ती वस्तु नहीं की की कुछ सोने के सिक्कों से इसको खरीद लिया जाए। इसमें पूर्ण समर्पण होना चाहिए। प्रेम तो ईश्वर की कृपा से ही मिलता है और परवान चढ़ता है। इसलिए आप सभी से मेरा यही अनुरोध है कि प्रेम करो तो सच्चा करो। समर्पित होकर करो।
जान 'हैप्पी वैलंटाइन डे' आई लव यू।

Thursday, February 12, 2009

"जज्बातों को मेरे कोई ढूंढ के लाओं जरा"


जज्बातों को मेरे कोई ढूंढ के लाओं जरा,

भूल गया हूं मुस्कुराना कोई मुझे हंसाओं जरा,

छूने से भी किसी के अहसास नहीं होता,

कोई मेरे दिल की धड़कनों को हाथ लगाओ जरा।

Wednesday, February 11, 2009

"कितनी जल्दी ये मुलाकात गुजर जाती है"



कितनी जल्दी ये मुलाकात गुजर जाती है
प्यास बूझती नहीं के बरसात गुजर जाती है

अपनी यादों से कह दो यूं याद ना करें

नींद आती नहीं और रात गुजर जाती है

Saturday, February 7, 2009

"सांसे आप की जान है हमारी"


निगाहें आपकी पहचान है हमारी,

मुस्कुराहट आप की शान है हमारी

रखना इफाजत से अपने आप को क्यूंकि

सांसे आप की जान है हमारी

Friday, February 6, 2009

"क्या कहूं तुझे?"


क्या कहूं तुझे? ख्वाब कहूं तो टूट जाएगा,

दिल कहूं तो बिखर जाएगा,

या तेरा नाम जिंदगी रख दूं,

मौत से पहले तो तेरा साथ छूट नहीं पाएगा।

Wednesday, February 4, 2009

"प्यारा का अहसास हो तुम"


प्यारा का अहसास हो तुम,

हर पल मेरे पास हो तुम,

दिल की एक आस हो तुम,

शायद इसलिए कुछ खास हो तुम।

Tuesday, February 3, 2009

"क्योंकि प्यार किया नहीं जाता"


साथ तो मांगने से मिल सकता है

लेकीन प्यार मांगने से नही मिलता

क्योंकि प्यार किया नहीं जाता प्यार तो हो जाता है

दिल से दिल को जब कोई प्यारा लगता है।

Monday, February 2, 2009

"ये ही इश्क है"


तनहाइयों में ही इश्क है,

एक बात को सबसे छुपाना इश्क है,

यूं तो नींद नहीं आती हमें रातभर,

मगर सोते-सोते जगना इश्क है।