Wednesday, February 18, 2009

"फिर से रूठ जाने को दिल चाहता है"


उससे रोज मिलने को दिल चाहता है,

कुछ सुनने और सुनाने को दिल चाहता है,

था किसी के मनाने का अंदाज ऐसा कि,

फिर से रूठ जाने को दिल चाहता है।

5 comments:

सुनीता शानू said...

आज आपका दिल धड़क रहा है नई पुरानी हलचल में यकीन नही तो खुद ही देखिये...  चर्चा में आज नई पुरानी हलचल

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

:):) बहुत खूब

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

क्या बात है... बहुत खूब...
सादर...

Anamikaghatak said...

wah ....:)bahut khub

Rohit Singh said...

ऐसा कोई मनाना वाला हो तो अपन भी हर पतझड़ में रुठते रहें....