Thursday, April 16, 2009

"जिंदगी गुजर रही है खुशी की तलाश में"


जिंदगी गुजर रही है खुशी की तलाश में,
रोते हुए दिल के लिए हंसी की तलाश में,

वक्त ने इस दिल को कई जख्म दिये,
इन जख्मों के लिए मरहम की तलाश में,

खामोशियां इस दिल का हिस्सा बन गई,
दो पल के लिए मुस्कुराहट की तलाश में,


अपनी मंजिल तक भूल चुका हूं,
उस के प्यार की तलाश में,

चाहतों की दुनिया में गम के सिवा कुछ नहीं,
पल-पल गुजर रहा हूं खुशी की तलाश में,

मेरे दिल इतना बता मुझे,
क्यूं तड़प रहा है तु उसी की तलाश में।

2 comments:

Unknown said...

hi This is Maahi.apne kaha aap kisi se pyar karte thee.kya apko ye nhi pta ki avo apde alag kyu ho gai.aisa nhi ho sakta ki apko vjeh na pta hoo.apka pyar kitna years se thaaaaaaaaaaa

Unknown said...

SHAYAD PARENTS VAJEH HO YA USKI LIFE MAI KOI AUR THA,,,, AGAR KOI AUR THA TO B APKO PTA TO HOGA HIIII AGAR PARENTS REASON THEE VO B PTA HI HOGA,,,,,,,,,