Tuesday, March 31, 2009

"मैं मोहब्बत हूं..."


मैं साहिल पे लिखी हुई इबारत नहीं,
जो लहरों से मिट जाती है,

मैं बारिश की बरसती बूंद नहीं,
जो बरस कर थम जाती है,


मैं ख्वाब नहीं,
जिसे देखा और भुला दिया,

मैं शमा नहीं,
जिसे फूंका और बूझा दिया,

मैं हवा का झोका नहीं,
जो आया और गुजर गया,

मैं चांद भी नहीं,
जो रात के बाद ढल जाये,

मैं तो वो अहसास हूं,
जो तुझ में लहू बनकर गरदीश करे,

मैं तो वो रंग हूं,
जो तेरे दिल पे चढ़े तो कभी ना मिटे,

मैं वो गीत हूं,
जो तेरे लबों से जुदा ना होगा,

मैं तो वो परवाना हूं,
जो जलता रहेगा मगर फना ना होगा,

ख्वाब, इबारत, हवा की तरह,
चांद, बूंद, शमा की तरह,

मेरे मिटने का सवाल नहीं,
क्यूंकि मैं तो मोहब्बत हूं,

और मोहब्बत कोई सवाल नहीं...!

Monday, March 30, 2009

"मैं तो आशिक हूं दिवाना ना बनाना मुझको"


कच्ची दिवार हूं, ठोकर ना लगाना मुझको,
अपनी नजरों में बसाकर ना गिराना मुझको,

तुमको आंखों में तस्वीर की तरह रखता हूं,
दिल में धकड़न की तरह तुम भी बसाना मुझको,

बात करने में जो मुश्किल हो तुमको महफिल में,
मैं समझ जाऊंगा नजरों से बताना मुझको,

वादा उतना ही करो जितना निभा सकते हो,
ख्वाब पूरा जो ना हो वो ना दिखाना मुझको,

अपने रिश्ते की नजाकत का भ्रम रख लेना,
मैं तो आशिक हूं दिवाना ना बनाना मुझको...।

Saturday, March 28, 2009

"मैंने सिर्फ और सिर्फ तुमसे मोहब्बत की है"


तेरी हर बात से मोहब्बत की है,
तेरे हर अहसास से मोहब्बत की है,

तु मेरे पास नहीं है फिर भी,
तेरी याद से मोहब्बत की है,


मैं तुमको किस तरह भूल सकता हूं,
मैंने तेरी हर अदा से मोहब्बत की है,


कभी तो तुने भी मुझे याद किया होगा,
मैंने उन लम्हों से मोहब्बत की है,


जिनमें हो सिर्फ तेरी और मेरी बातें,
मैंने उन बातों से मोहब्बत की है,

और जो महका हो सिर्फ तेरी ही मोहब्बत से,
मैंने उन जज्बातों से मोहब्बत की है,

मैंने तेरी हर अदा से मोहब्बत की है,
मैंने सिर्फ और सिर्फ तुमसे मोहब्बत की है...।

Friday, March 27, 2009

"आवारा बादल हूं मैं..."


आवारा हवाओं में उड़ता एक आवारा बादल हूं मैं,
खुद चैन हूं अपने दिल का और खुद ही दिल की हलचल हूं मैं,


मैंने ही हंसाया है दिल को, जब-जब था उदासी का आलम,
रोया हूं लिपटकर खुद से, एक भीगा सा आंचल हूं मैं,

कल, आज और कल को यूं मैंने सीने से लगाकर रखा है,
खुद आने वाला वक्त और खुद गुजरा हुआ हर पल हूं मैं,

आ मुझको सजा ले होठों पर नगमा हूं तेरी हर धड़कन का,
आ फिर से बसा ले आंखों में तेरी आंखों का काजल हूं मैं,

तु लाख सीतम ढाता है और शिकवा भी नहीं है क्यों मुझको,
हां तेरा हूं दिवाना, और हां तेरे लिये पागल हूं मैं,

आया हूं जहां से जाना है फिर लौट वहीं एक दिन,
बस नाम का आवारा हूं और बस नाम का एक बादल हूं मैं।

Thursday, March 26, 2009

"रोना भी जो चाहूं तो वो रोने नहीं देता"


रोना भी जो चाहूं तो वो रोने नहीं देता,
वो शक्स तो पलके भी भिगोने नहीं देता,

वो रोज रूलाता है हमें ख्वाब में आकर,
सोना भी जो चाहें तो सोने नहीं देता,

ये किसके इशारे पे उमड़ आए हैं बादल,
है कौन जो बरसात भी होने नहीं देता,

आता है ख्यालों में मेरे क्यूं ये अक्सर,
जो मुझको किसी और का होने नहीं देता,

मैं हूं कि बहाता हूं तेरी याद में आंसू,
तु है के आंसू को पिरोने नहीं देता,

वो चेहरा अजब है जिसे पाकर मैं अभी तक,
खोना भी चाहूं तो खोने नहीं देता,

Wednesday, March 25, 2009

"हमें जीने नहीं देती है ये गुजरी हुई यादें"


हमें जीने नहीं देती है ये गुजरी हुई यादें,

हम से भूली नहीं जाती है ये बीती हुई बातें,

अब कैसे कहें हम तुम से ए जान तेरी बातें,

हमें हर पल याद आती हैं तेरी छोटी-छोटी बातें।

Tuesday, March 24, 2009

"मुझे चांद कहो या जान कहो"


मुझे चांद कहो या जान कहो,
मुझे अपने दिल का महमान कहो,

मुझे देखों हर लम्हा यूं ही,
मुझे तुम अपनी पहचान कहो,

मुझे तुम अपना मन कहो,
हर हाल में तुम मुझ को ही सोचो,

मुझ से दिल का हर अरमान कहो,
हर लम्हा तुम को ही सोचूं मैं,

मुझे प्यार की तुम अपनी शान कहो,
मेरे दिल की धरती सिर्फ तुम्हारी है,

उसे जमीन कहो आसमान कहो,
तुम्हारी दुनिया में खोया रहता हूं,

मुझे मस्त कहो अनजान कहो,
रखूं दूर हर सहर को तुमसे,

मुझे दोस्त कहो निगेबान कहो,
मुझे चांद कहो या जान कहो...

Monday, March 23, 2009

"तेरी याद आती है..."


जब चांदनी बढ़ कर, रातों पे छाती है,

तेरी याद ऐसे में दिल को तड़पाती है,

किस्से वो बहारों के, बीते नजारों के,

फिर आ के सुनाती है, और हम को रूलाती है,

तेरी याद बहुत आती है......

Saturday, March 21, 2009

"तुम हो तो सब कुछ है, वरना कुछ नहीं"


कलम उठाऊं तो तुम्हारे लिए लिखूं,
वरना कलम की जरूरत मुझे नहीं,

लब हिलाऊं तो तम्हें पुकारू,
वरना लफ्जों की जरूरत मुझे नहीं,

यू दुनिया एक सूनसान बाग है,
जिसमें मैं गुमशुदा पंछी हूं,

मैं चाहता हूं उडूं तो तुम्हारी बाहों में गिरू,
वरना पैरो की जरूरत मुझे नहीं,


जब भी तुम्हारे बारें में सोचता हूं,
तो नयन बरस पड़ते हैं,

मेरी ख्वाईश है आंखें नम हो तो सिर्फ तुम्हारे लिए,
वरना आंसूओं की जरूरत मुझे नहीं,

सच्चाई ये है कि तुम मेरे साथ हो तो सब कुछ है पास मेरे,
वरना किसी और की जरूरत मुझे नहीं...।

Friday, March 20, 2009

"अपने हाथों से यूं चहरे को छुपाते क्यूं हो"


अपने हाथों से यूं चहरे को छुपाते क्यूं हो,
मुझसे शरमाते हो तो सामने आते क्यूं हो,

तुम कभी मेरी तरह कर भी लो इकरार-ए-वफा,
प्यार करते हो तो फिर प्यार छुपाते क्यूं हो,

अश्क आखों में मेरी देख कर रोते क्यूं हो,
दिल भर आता है तो फिर दिल को दुखाते क्यूं हो,

रोज मर-मर के मुझे जीने को कहते क्यूं हो,
मिलने आते हो तो फिर लौट के जाते क्यूं हो,

अपने हाथों से यूं चहरे को छुपाते क्यूं हो,
मुझ से शरमाते हो तो सामने आते क्यूं हो...।

Thursday, March 19, 2009

"कुछ बातें"


कुछ बातें हम से सुना करो,
कुछ बातें हम से किया करो,

मुझे दिल की बात बता दो तुम,
होंठ ना अपने सिया करो,


जो बात लबों तक ना आए,
वो आंखों से कह दिया करो,

कुछ बातें कहना मुश्किल है,
तुम चहरे से पढ़ लिया करो,

जब तनहा-तनहा होते हो,
आवाज मुझे तुम दिया करो,


हर धड़कन मेरे नाम करो,
हर सांस मुझको दिया करो,


जो खुशियां तेरी चाहत हैं,
मेरे दामन से चुन लिया करो।

Wednesday, March 18, 2009

"कहीं से आ जाओ"


अजब शाम खड़ी है कहीं से आ जाओ,
बड़ी उदास घड़ी है कहीं से आ जाओ,

किसी से मिलना और मिल के बिछड़ जाना,
सजा ये इतनी बड़ी है कहीं से आ जाओ,

बड़ा कठिन है ये जुदाई का मौसम,
जुदाई बोल पड़ी है कहीं से आ जाओ,

जमाना जिसे समझता है मोतियों की चमक,
वो आंसू की लड़ी है कहीं से आ जाओ...

Tuesday, March 17, 2009

"तेरी आंखों की चमक..."


तेरी आंखों की चमक ऐसी,

जैसे अंबर में चमके तारा,

तेरे चेहरे का नूर ऐसा,

जैसे चांद का जन्म दुबारा,

तु बंद आंख का ख्वाब,

या जन्नत का कोई नजारा।

Monday, March 16, 2009

"धीरे से सरकती है रात उस के आंचल की तरह"


धीरे से सरकती है रात उस के आंचल की तरह,
उस का चेहरा नजर आता है झील में कमल की तरह,

मुद्दतों बाद उसको देखा तो जिस्म-ओ-जान को यूं लगा,
प्यासी जमीन पे जैसे कोई बरस गया बादल की तरह,


रोज कहता है सीने पे सिर रखकर रातभर सुलाऊंगा,
सरे-शाम ही मुझे आज फिर सुला गया वो कल की तरह,

उस का शरमाना भी मुझे मात देता है,
उसकी तो हर अदा है किसी खामोश कातिल की तरह,

धीरे से सरकती है रात उसके आंचल की तरह...

Saturday, March 14, 2009

"मुझे बाहों में बिखर जाने दो"


मुझे बाहों में बिखर जाने दो,
अपनी मुश्कबार सांसों से महक जाने दो,

दिल मचलता है और सांसे रूकती हैं,
अब तो सीनें में आज मुझे उतर जाने दो,

शोख नजरों को शर्म आती है,
थरथराते हुए लबों को चैन पाने दो,

रात तनहा है और सर्द मौसम है,
शोला-ए-अहसास को अब और भड़क जाने दो,

बहके हैं हम जो फिजा बहकी है,
दिल को दिल, रूह को रूह में समा जाने दो,

अभी और भी अरमान दिल में बाकी हैं,
यूं ही बाहों में इस रात को कट जाने दो,

मुझे बाहों में बिखर जाने दो,
अपनी मुश्कबार सांसों से महक जाने दो...

Friday, March 13, 2009

"आ मेरी रूह पे अपनी मोहब्बत का पहरा कर दे"


दिल के आंगन में चाहत का सवेरा कर दे,
अ खुदा मुझे उस का उसे मेरा कर दे,


एक बार गिरा हुस्न अपने दिवाने पर,
कुछ शरमा और फिर सामने चेहरा कर दे,

चलो बसा लें दुनिया नई एक-दूसरे में,
आ मेरी रूह पे अपनी मोहब्बत का पहरा कर दे।

Thursday, March 12, 2009

"तुझे चाहते हैं"



तुम्हें चाहते हैं बेइंतहा पर चाहना नहीं आता,

ये कैसी मोहब्बत है कि हमें बयां करना नहीं आता,


जिंदगी में आ जाओं मेरी जिंदगी बनकर,

कि तेरे बिना हमें जिंदा रहना नहीं आता,


हर पल तुझे बस तुझे दुआओं में मांगते हैं,

मगर क्या करें कि हमें तुझे पाना नहीं आता।

Monday, March 9, 2009

"तेरे दिल की हर बात जानता हूं मैं"

पता नहीं हमारी किस्मत में क्या लिखा है। पर इतना जरूर है कि अब तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है। जान मुझे पता है कि तुम भी मेरे बिना वहां खुश नहीं हो। काश! की ये दुनिया वाले हमारे इस प्यार को समझ पाते। लेकिन जान तुम परेशान मत होना। एक ना एक दिन तो इस दुनिया को भी हमारे प्यार के आगे अपना सिर झुकाना ही पड़ेगा। क्योंकि मेरी जिंदगी में तुम्हारे सिवा अब कोई और नहीं आ पायेगा। बस तुम भी मेरा साथ देना हमारे प्यार का साथ देना। और भगवान पर विश्वास रखना। मैंने सब कुछ 'सांई बाबा' पर छोड़ दिया है। अगर हमारा प्यार सच्चा है तो वे हमारी जरूर सूनेंगे और हमारा मिलन जरूर होगा।

जान तुम्हारी बहुत याद आती है। तुम से जुड़ी हर बात याद आती है। जब-जब तनहा बैठता हूं तो तुम्हारी याद बेशुमार आती है। जान होली आने वाली है। पर तुम्हारे बिना सारे रंग बेरंग लगते हैं। भगवान से यही दुआ करता हूं कि हमारी तपस्या का जल्द से जल्द हमें फल दें। जान ''हैप्पी होली'' तुम अपना ख्याल रखना। क्योंकि मुझे पता है कि तुम बिलकुल भी अपना ध्यान नहीं रखती होगी। आई लव यू 'जान'


तेरे दिल की हर बात जानता हूं मैं,
तेरे दिल की हर धड़कन को पहचानता हूं मैं,
जब से बसा है तेरा दिल मेरे दिल में,
तेरे आने की आहट भी पहचानता हूं मैं।

Saturday, March 7, 2009

"वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे..."


वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे,
मैं तुझ को भूल कर जिंदा रहूं खुदा ना करे,

रहेगा प्यार तेरे साथ जिंदगी बनकर,
ये ओर बात है मेरी जिंदगी वफा करे ना करे,

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में,
खुदा किसी को किसी से जुदा ना करे,

अगर वफा पे भरोसा ना रहे दुनिया को,
तो कोई शक्स मोहब्बत ही ना करे,

सुना है उसको मोहब्बत दुआए देती है,
जो दिल पे चोट खाए मगर गिला ना करे,

वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ ना करे...

Friday, March 6, 2009

"एक बात कहूं अगर सुनते हो"


एक बात कहूं अगर सुनते हो,
तुम मुझ को अच्छे लगते हो,

कुछ चंचल से कुछ चुप-चुप से,
कुछ पागल-पागल लगते हो,

है चाहने वाले और बहुत,
पर तुम में है एक बात अलग,
तुम अपने-अपने लगते हो,

एक बात कहूं अगर सुनते हो,
तुम मुझ को अच्छे लगते हो,

ये बात-बात पे खो जाना,
कुछ कहते-कहते रूक जाना,

ये किस उलझन में रहते हो,
क्या बात है मुझ से कह डालो,

एक बात कहूं अगर सुनते हो,
तुम मुझ को अच्छे लगते हो...


Thursday, March 5, 2009

"तुम बिन जीना ऐसा है"


तुम बिन जीना ऐसा है,
जहर को पीने जैसा है,


तुम से बिछड़कर जिंदा रहना,
हम से पूछो कैसा है,


मेरा तुम को तकते रहना,
चांद को तकने जैसा है,


तेरा हंसकर बातें करना,
खिलते फूलों जैसा है,


बादल तेरे प्यार का हमदम,
आज तो खुल के बरसा है,


चांद की नजरें झुक जाती हैं,
यार मेरा तो कुछ ऐसा है...




Wednesday, March 4, 2009

"तुम याद आए..."


जब पत्तों की पाजेब बजी तुम याद आए,
जब सावन रूत की पवन चली तुम याद आए,


जब पंछी बोले घर के सूने आंगन में तुम याद आए,
जब अमृत की एक बूंद पड़ी तुम याद आए,


रूत आई पीले फूलों की तुम याद आए,
दिनभर दुनिया के झमेलों में खोया रहा मैं,


जब शाम को दिवारों से धूप ढ़ली तब तुम याद आए....

Tuesday, March 3, 2009

"कोई मेरे दिल में रहता है"


जब रात के तनहा लम्हों में,
कोई आहट मुझ से कहती है,


इस दिल में हलचल रहती है,
कोई जुगनू पास से गुजरे तो,


कोई बात गले से निकले तो,
मैं खुद से उलझने लगता हूं,


फिर जाने क्या-क्या कहता हूं,
फिर याद उसी की आती है,


फिर पल दो पल के लम्हें को,
ये सांस मेरी रूक जाती है,


फिर वहम मुझे ये कहता है,
कोई मेरे दिल में रहता है,
कोई मेरे दिल में रहता है...

Monday, March 2, 2009

"ख्वाबों का एक..."


ख्वाबों का एक जजीरा हो,
जूगनुओं का जहां बसेरा हो,


कोई वहां तक ना जा सके,
आना-जाना सिर्फ तेरा-मेरा हो,


जुल्फों से तेरी मैं खेला करूं,
तेरी पलकों का मुझ पर पहरा हो,


चांद-सितारें देखा करें,
उस नगरी जब भी हमारा फेरा हो,


ना खत्म होने वाली हो बातें,
ऐसी रात का ना कभी सवेरा हो।