Tuesday, March 24, 2009

"मुझे चांद कहो या जान कहो"


मुझे चांद कहो या जान कहो,
मुझे अपने दिल का महमान कहो,

मुझे देखों हर लम्हा यूं ही,
मुझे तुम अपनी पहचान कहो,

मुझे तुम अपना मन कहो,
हर हाल में तुम मुझ को ही सोचो,

मुझ से दिल का हर अरमान कहो,
हर लम्हा तुम को ही सोचूं मैं,

मुझे प्यार की तुम अपनी शान कहो,
मेरे दिल की धरती सिर्फ तुम्हारी है,

उसे जमीन कहो आसमान कहो,
तुम्हारी दुनिया में खोया रहता हूं,

मुझे मस्त कहो अनजान कहो,
रखूं दूर हर सहर को तुमसे,

मुझे दोस्त कहो निगेबान कहो,
मुझे चांद कहो या जान कहो...

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