कच्ची दिवार हूं, ठोकर ना लगाना मुझको,
अपनी नजरों में बसाकर ना गिराना मुझको,
तुमको आंखों में तस्वीर की तरह रखता हूं,
दिल में धकड़न की तरह तुम भी बसाना मुझको,
बात करने में जो मुश्किल हो तुमको महफिल में,
मैं समझ जाऊंगा नजरों से बताना मुझको,
वादा उतना ही करो जितना निभा सकते हो,
ख्वाब पूरा जो ना हो वो ना दिखाना मुझको,
अपने रिश्ते की नजाकत का भ्रम रख लेना,
मैं तो आशिक हूं दिवाना ना बनाना मुझको...।
अपनी नजरों में बसाकर ना गिराना मुझको,
तुमको आंखों में तस्वीर की तरह रखता हूं,
दिल में धकड़न की तरह तुम भी बसाना मुझको,
बात करने में जो मुश्किल हो तुमको महफिल में,
मैं समझ जाऊंगा नजरों से बताना मुझको,
वादा उतना ही करो जितना निभा सकते हो,
ख्वाब पूरा जो ना हो वो ना दिखाना मुझको,
अपने रिश्ते की नजाकत का भ्रम रख लेना,
मैं तो आशिक हूं दिवाना ना बनाना मुझको...।
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