जब रात के तनहा लम्हों में,
कोई आहट मुझ से कहती है,
इस दिल में हलचल रहती है,
कोई जुगनू पास से गुजरे तो,
कोई बात गले से निकले तो,
मैं खुद से उलझने लगता हूं,
फिर जाने क्या-क्या कहता हूं,
फिर याद उसी की आती है,
फिर पल दो पल के लम्हें को,
ये सांस मेरी रूक जाती है,
फिर वहम मुझे ये कहता है,
कोई मेरे दिल में रहता है,
कोई मेरे दिल में रहता है...
कोई मेरे दिल में रहता है...
No comments:
Post a Comment