वक्त बगावत करने लगे,
दोस्त आज दुश्मन बनने लगे।
जिसे हम अपना समझते थे,
वो भी दूर मुझसे रहने लगे।
दुश्मन भी अब हंसने लगे,
दोस्त भी दूर हटकर रहने लगे।
काश हमारा दिल ही बताए,
कौन मेरा जो दिल लौटाए।
वक्त ने मारा तुम न मारो,
उम्मीदों का मुझसे तुम बौछार करो।
मुझे दर्द मेरा दोस्त खफा,
हम घूंट-घूंट कर जीने लगे।
तनहा अब जीते हैं,
दुनियां के हम गम पीने लगे।
लोग हमसे अब कहने लगे,
दोस्त क्यों खफा तुमसे रहने लगे।
दुनियां वाले मुझपे बरसने लगे,
संकट के बादल अब गरजने लगे।
दोस्त आज दुश्मन बनने लगे।
जिसे हम अपना समझते थे,
वो भी दूर मुझसे रहने लगे।
दुश्मन भी अब हंसने लगे,
दोस्त भी दूर हटकर रहने लगे।
काश हमारा दिल ही बताए,
कौन मेरा जो दिल लौटाए।
वक्त ने मारा तुम न मारो,
उम्मीदों का मुझसे तुम बौछार करो।
मुझे दर्द मेरा दोस्त खफा,
हम घूंट-घूंट कर जीने लगे।
तनहा अब जीते हैं,
दुनियां के हम गम पीने लगे।
लोग हमसे अब कहने लगे,
दोस्त क्यों खफा तुमसे रहने लगे।
दुनियां वाले मुझपे बरसने लगे,
संकट के बादल अब गरजने लगे।
2 comments:
अरे भाई काहे परेशान होते हो ये तो दुनिया का दस्तूर है
एक शेर अर्ज है शायद इससे आप सब कुछ समझ जाओ
बनी के चेहरे पे लाखों निशान होते हैं
बनी जब बिगड जाए तो दुशमन हजार होते हैं
अरे भाई काहे परेशान होते हो ये तो दुनिया का दस्तूर है
एक शेर अर्ज है शायद इससे आप सब कुछ समझ जाओ
बनी के चेहरे पे लाखों निशान होते हैं
बनी जब बिगड जाए तो दुशमन हजार होते हैं
Post a Comment