Tuesday, January 13, 2009

"जान हैप्पी लोहड़ी"

'जान हैप्पी लोहड़ी यू टू' जान आज सुबह तुम्हारा मैसेज आया मुझे अच्छा लगा। पता है पहले तुम्हारे फोन का इंतजार करता था। पर अब तो तुम्हारे मैसेज का भी वेट करने लगा हूं। मुझे याद है पहले हम एक दूसरे को इतने मैसेज दिया करते थे कि लगता था कि पूरे दिन एक-दूसरे के साथ हैं। पर आजकल तो ये सब भी कम हो गया है। मुझे पता है कि मैं तुमको अब मैसेज नहीं दे पाता हूं। पर जान इसका मतलब ये मत समझना की मेरा प्यार कम हो गया है। बस मुझे डर लगा रहता है कि कहीं तुम्हारे घर में फिर से किसी को पता न चल जाए। अब मैं तुमको दुबारा से खोना नहीं चाहता। पता है मुझे फिर से वही खुशी महसूस होने लगी है जैसी पहले तुम्हारा फोन या मैसेज आने पर हुआ करती थी। अब भी मैं उतनी ही बेचैनी से तुम्हारे मैसेज का वेट करता हूं। मुझे याद है तुम पहले Good Morning मैसेज किया करती थी। पर तब तक तो मैं नहा-धोकर पुजा कर रहा होता था। और पुजा पूरी करने के बाद तुम्हारा मैसेज पढ़ता था। पता है आज भी 8 बजे तक तुम्हारा मैसेज नहीं आया तो दिल में फिर से घबराहट होने लगी। और जब मैं नहा कर बाहर आया तो तब भी तुम्हारा मैसेज नहीं आया था। जान पता है इस बीच मेरा पूरा ध्यान बार-बार मेरे मोबाइल पर ही जा रहा था। बार-बार जाकर देखता था कि कहीं अब तो तुम्हारा मैसेज नहीं आ गया। और इस बीच जब तक मैंने कपड़े पहने तब तक तुम्हारा मैसेज भी आ गया। मुझे पता नहीं चला क्योंकि आजकल मोबाइल को बिल्कुल साइलंट मोड पर ही रखता हूं। और मैंने मैसेज पड़ते ही तुमको मिस काल दी। मैसेज में लिखा था:-

''हाय जानू Good Morning हैप्पी लोहड़ी, बैलेंस अभी एड हुआ है, रिचार्ज कराके मिस कॉल दूंगी। रात को जब तुम्हारी पहली मिस कॉल आयी मैं जागी हुई थी पर कॉल करने का बैलेंस नहीं था। रात को बता ही दिया था। ब्रेकफास्ट करके जाना 'आई लव यू''

जान तुम्हारा मैसेज आने से मेरी बेचैनी शांत हो जाती है। और तुम वहां ठीक हो इस बात को सोचकर मुझे सुकून मिलता है। मुझे पता है कि कल मैंने गुस्से में तुमसे कुछ कड़वी बातें कह दी थी जो कि मुझे नहीं कहनी चाहिए थी उसके लिए मैं तुमसे Sorry बोलना चाहता हूं। जैसा की तुमने आज सुबह फोन पर मुझसे कहा कि तुम अपने को टाईम पास मत कहा करो। मुझे अच्छा नहीं लगता। तो ठीक है जान आज के बाद मैं तुमसे कभी ऐसी बात नहीं कहुंगा पर जैसा कि मैंने भी तुमसे कहा वो मैंने जानकर तुमसे नहीं कहा था। गुस्से में मुंह से निकल गया था। जान एक बात और कहना चाहता था कि सुबह-सुबह तुम्हारी आवाज सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगता है। जान मैं तुमको बहुत मिस करता हूं।

तुम्हें दिल में बसाए रखता हूं
और दुनिया को भूलाए रखताहूं
तुम्हे मेरी नजर न लग जाए
इसलिए नजरें झुकाए रखता हूं

No comments: