Friday, January 9, 2009

"सिर्फ तुमसे प्यार है"

जान कल ही तुमसे बात की है पर ऐसा क्यों लग रहा है कि पता नहीं कितना टाईम हो गया तुमसे बात किए। जान इन कानों को तुम्हारी आवाज सुनने की आदत सी हो गई है। एक दिन भी अगर ये तुम्हारी आवाज न सुने तो पूरा दिन सूना-सूना सा जाता है। मुझे पता है कि आज तुम्हारा फोन नहीं आएगा जैसा की तुमने कल मुझे शाम को चैट से बताया था। क्योंकि आज तुम्हारी छुट्टी है। और हां जान कल जब तुम दुबारा चैट पर आई तो मैं उस वक्त अपनी सीट पर नहीं था। किसी काम से दूसरे रूम में था। I am sorry जान तुमसे दुबारा चैट नहीं कर पाया। जब आया तो देखा कि तुम तब तक जा चुकी थी। सिर्फ तुम्हारे मैसेज मिले। जान पता नहीं क्यों ये दिल मानने को तैयार नहीं है कि आज तुम नहीं आओगी। आज तुम फोन नहीं करोगी और आज मैं तुम्हारी आवाज और हंसी नहीं सुन पाउंगा। मैं तो रोज की तरह अपने उसी शेडयूल से सुबह उठा, नहा-धोकर पुजा की और नाश्ता करके घर से ऑफिस के लिए निकल गया। और रोज की तरह तुम्हारे फोन का वेट कर रहा हूं। पता है आज तुम नहीं आओगी पर फिर भी कर रहा हूं। पता नहीं दिल कहता है कि तुम अभी फोन करोगी और हंसते हुए कहोगी 'हाय' जान लो मैं आज फिर आ गई। तुम कैसे हो? और क्या कर रहे हो। मेरा भी मन नहीं लग रहा था। तुमसे बात करने का मन कर रहा था। मैं भी तुमसे एक दिन भी बात न करू तो मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता।

काश! ऐसा हो जाता मैं आज भी तुमसे बात कर पाता। खैर क्या करूं तुम्हारे प्यार की ही खुमारी है कि मुझे हर जगह हर पल सिर्फ तुम ही तुम दिखती हो। जान क्या ये सिर्फ मेरे ही साथ हो रहा है, क्या तुमको भी ऐसा ही अहसास होता है जैसा कि मुझे हो रहा है। हर पल तुमसे मिलने की बेकरारी, तुमसे एक बार बात करने की तड़प, तुमको कहीं खो ना दूं हर पल इसी बात का डर लगा रहता है। जान क्या तुम भी ऐसा ही महसूस करती हो। जान मैं तुमको दुबारा खोना नहीं चाहता हूं। बस तुम हमेशा मेरा साथ देना। मुझसे कभी भी अलग मत होना। जान मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। 'आई लव यू' जान 'आई लव यू'

सूख जाते हैं लब, लफ्ज, मिलते नहीं
होता नहीं हमसे इश्क बयां
उन्हें कैसे बताऊं दिल की लगी
कैसे सिखाऊं आंखों की जुबां !

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