Friday, December 12, 2008

"उसका वादा"

आज फिर वो वादा करके, वादा खिलाफी कर गई। पता नहीं वो ऐसा मेरे साथ क्यों करती है। कल उसने खुद ही कहा था कि मैं तुमको कल फोन करूंगी। क्योंकि 13-14 तारीख को यानी शनिवार, रविवार को इंस्ट्टीयूट की छुट्टी रहेगी। आज सुबह से बेसर्बी से उसके फोन का वेट कर रहा हूं। उसकी आवाज सुनने के लिए मेरे कान तरसते रहते हैं। अगर उसे बात नहीं करनी थी तो मुझे कह देती कम से कम मैं इंतजार तो नहीं करता। क्योंकि ये इंतजार की घड़ियां बहुत लम्बी होती हैं। और इस इंतजार को आजकल मुझसे ज्यादा कौन समझ सकता है। हर पल ऐसा लगता है कि कहीं अब उसका फोन ना जाये। पता नहीं वो मेरी इस बेचैनी को क्यों नहीं समझती है। पता नहीं मैं उसको कैसे समझाऊ कि मैं उससे कितना प्यार करता हूं। मुझे डर इस बात है कि जब तक वो मुझको समझेगी तब तक शायद मैं इस दुनिया में न रहूं। पर मैं उसको बताना चाहता हूं कि 'जान' मैंने तुमसे बहुत प्यार किया है। 'आई लव यू' 'जान'।

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