Thursday, December 4, 2008

"आज की बात"

हाय 'जान' आज सुबह 10:05 पर तुम्हारा फोन आया मैं तुम्हारे फोन का वेट ही कर रहा था। फोन की वाइबेरेशन से मैंने अन्दाजा लगा लिया कि फोन तुम्हारा ही है। क्योंकि तुम्हारे अलावा इतने सुबह मुझे कोई फोन नहीं करता। और फोन पर एसटीडी कोड देखकर conform हो गया कि फोन तुम्हारा ही है। दो दिन से तुम्हारा फोन नहीं आया था। और मुझे कुछ अच्छा भी नहीं लग रहा था। मैंने फोन पिक किया तो दूसरी तरफ से तुम्हारी आवाज सुनाई दी। जैसे जान में जान आ गई हो मेरी। तुमने हंसते हुए मुझसे हाय कहा मैंने भी तुमको हाय कहा। फोन आने से पहले मैं यही सोच रहा था कि आज तुमसे क्या-क्या पूछूंगा और क्या-क्या कहूंगा। सबसे पहले मैंने तुमसे पूछा कि तुम कैसी हो तुमने कहा मैं तो ठीक हूं, तुम कैसे हो। मैंने कहा मैं भी ठीक हूं, इतना कहते ही मेरा सारा दर्द मेरी जबान पर आ गया। मैंने मन में सोचा कि ये कैसा सवाल है, तुमसे दूर रहकर मैं कैसे ठीक हो सकता हूं। और मेरी आवाज मंदी हो गई। तुमने पहचान लिया कि मैं ठीक नहीं हूं। पर मैंने तुमको यही कहा कि मैं ठीक हूं। तुमने फिर कहा नहीं मुझे पता है कि तुम ठीक नहीं हो। फिर मैंने अपने को संभाला और अपनी फिलिंग को अंदर छुपाकर हंसते हुए कहा कि अरे यार मैं ठीक हूं। फिर मैंने तुमसे पूछा कि और बताओ दो दिनों में क्या-क्या किया। तुमने कहा कि मैं और उसकी बहन और दोनों भाई ''दोस्ताना'' फिल्म देखने गए। मैंने कहा कि बकवास फिल्म है। फिर तुमने मुझसे पूछा कि तुमने क्या किया दो दिनों में। मैंने कहा कि कुछ नहीं सिर्फ घर से ऑफिस, और ऑफिस से घर। और तुमको याद किया। फिर मैंने तुमसे पूछा कि क्या तुमको मेरी याद नहीं आती। तुमने मुझे याद नहीं किया। तुमने हंसते हुए कहा कि हां किया तुमको याद, तुम्हारी याद आती है। मैंने कहा कैसे याद आती है। तुमने कहा कि हम कैसे-कैसे मिले, सांई बाबा के मंदिर गए, मैंने तुमको स्कूटी पर बिठा कर देहरादून घूमाया। और तुम पीछे बैठ कर कुछ-कुछ कर रहे थे। और तुमने मुझे आगे पीछे छेड़ा। और फिर रेस्टोरेन्ट में बैठे जिसमें कि कोई नहीं आता था। लेकिन तुमने वो बात नहीं बोली जो मैं सुनना चाहता था। मैं तुमसे बार-बार वो ही सवाल करता रहा कि और कैसे, और कैसे याद किया। पर तुम नहीं बोली जो मैं सुनना चाहता था। फिर मैंने तुमसे पुछा कि वो सब याद नहीं है जो हमने वहां किया। तो तुमने कहा कि वो मैं भूल गई। बस इसी बात पे मेरी तुमसे लड़ाई हो गई। मैंने तुमसे कहा कि आज जब तुम वो ही भूल गई हो तो कल को मुझे भी भूल जाओगी। तुमने कहा नहीं मैं तुमको नहीं भूल सकती। मैंने कहा 'जान' तुम मुझको भी भूल जाओगी। फिर तुम कहने लगी क्या है तुमको मैं तुमको कभी नहीं भूल सकती। तुम क्यों लड़ते रहते हो मुझसे।

'जान' पता नहीं मुझे भी क्या हो जाता है मैं आजकल बहुत संकुचित हो गया हूं। जबसे हम दोनों के बीच ये दूरियां आई हैं मुझे हर पल ऐसा ही लगता है कि तुम मुझसे दूर हो गई है। और एक दिन मुझे छोड़ दोगी और मुझसे दूर चली जाओगी। मैं तुमको किसी भी तरह ये बताना चाहता हूं कि मैं तुमको कितना प्यार करता हूं। तुम समझो कि मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है। और हमेशा करता रहूंगा।

आखिर में तुमने कहा कि चलो अब मैं फोन रखती हूं। इस एसटीडी का बैलेंस खत्म होने वाला है और मेरी क्लास भी शुरू होने वाली है। फिर मैंने तुमसे कहा कि तुम्हारे लिए क्लास इंर्पोटेंट है मैं नहीं। ठीक है तुम अपनी क्लास में जाओं। तुमने कहा नहीं तुम इंर्पोटेंट हो मेरे लिए क्लास नही। फिर मैंने कहा चलो तुम क्लास जाओ। और कल फोन जरूर करना क्योंकि इसके बाद दो दिनों तक तुम्हारी क्लास की छुट्टी रहेगी। तुमने कहा ठीक है मैं कल तुमको फोन करूंगी और तब बताऊंगी कि और कैसी याद आती है तुम्हारी। मुझे तब हंसी आ गई। मैंने कहा ठीक है आज सोचकर बताना। और अपना ख्याल रखना, ब्रेकफास्ट, लंच और डीनर टाईम पर करना। और अपनी मेडीसन टाईम पर लेना। फिर तुमने भी कहा कि तुम भी अपना ख्याल रखना और खाना टाईम से खाना और ज्यादा गुस्सा मत किया करो। आज का आधा घंटा तुमने मुझसे लड़ाई करने में निकाल दिया। मैंने तुमसे कहा 'जान' मैं लड़ नहीं रहा था। मैं सिर्फ तुमको बता रहा था कि इन दो महीनों में मुझपर क्या-क्या बीती है। और तुम्हारा मुझे पता नहीं की तुमने मुझको याद भी किया है कि नहीं। क्योंकि हमारी तब से जितनी बार भी फोन पर बात हुई है। मैंने हमेशा तुमको यही बात बोली है कि 'जान' मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पा रहा हूं, मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता, खाना खाने का मन नहीं होता, रात को नींद नहीं आती, कहीं घूमने का मन नहीं करता। फिर तुमने कहा कि हां मेरे साथ भी ऐसा होता है। मैंने कहा ये बात तुम मेरे कहने के बाद कह रही हो। इससे पहले भी तो कह सकती थी ना। फिर तुमने पूछा कि अच्छा सां... का क्या हाल है। मैंने कहा वो ठीक है सिर्फ तुमको मिस कर रहा है। फिर मैंने भी पूछा कि मेरी पू.. और बू.. का क्या हाल है। तुमने कहा कि हां सब वैसे ही हैं। बस आजकल टनशन की वजह से लटक गए हैं।
बस इसके बाद मैंने तुमसे कहा कि चलो बाकी बात बाद में करेंगे। अब तुम अपनी क्लास में जाओ। उसके बाद मैंने तुमसे 'आई लव यू' बोला और तुमने भी। और फोन कट कर दिया।

2 comments:

shama said...

wagat hai...behad manse likha hai...lagta hai, jaise sab kuchh chitparichit hai...ehsaas jo mere andar hain, wahee yaheen hain...phirbhi tazagee hai...
Mere blogpe snehil nimantran hai...
Aur pls ye word verification hataa den to kaisa rahega??

संगीता पुरी said...

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।