Tuesday, December 9, 2008

"इंतजार"

बस मुझे उसकी यही बात अच्छी नहीं लगती। कल बोला की मैं तुमको कल फोन करूंगी 10-11 के बीच अब 11 बज गए हैं और मैं इंतजार कर-कर के थक गया हूं। पता नहीं वो ऐसा मेरे साथ क्यों करती है। मुझे कल ही लग रहा था कि वो मुझे फोन नहीं करेगी। इसलिए मैंने उससे नहीं कहा कि तुम फोन करना। मैंने उससे यही पूछा की अब कब फोन करोगी। तो खुद ही मुझसे पूछने लगी की तुम बताओं कब करू। मैंने उससे कहा जब तुम्हारा मन करे तब करना सिर्फ मेरे कहने से तुम मुझे फोन करो इसका कोई मतलब नहीं है। इसका मतलब तो ये है कि तुम सिर्फ मेरे कहने से ही फोन करती हो। वरना तुम्हारा मन नहीं करता मुझसे बात करने का। तो उसने खुद ही कहा था कि चलो मैं तुमको कल फोन करूंगी। मैंने भी उससे कहा कि मैं वेट करूंगा। पर जैसे उसको तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता की कोई उसके लिए वेट भी कर रहा है।

आज शायद ईद है। इसलिए शायद उसकी क्लास की छुट्टी होगी। और ये बात उसको कल क्लास जाने के बाद ही पता चली होगी। पर ये बात वो मुझे एक फोन करके भी बता सकती थी। कल क्लास के बाद की 'जान' कल मैं फोन नहीं कर पाउंगी क्योंकि कल क्लास की छुट्टी है। पर उसको तो काई फर्क ही नहीं पड़ता कि कोई बेवकुफ भी है जो की उसका बेसर्बी से इंतजार कर रहा है।

खैर लगता है मेरी किस्मत में तो इंतजार ही करना रह गया है। तो इंतजार करेंगे उसको चाहे मेरी परवाह हो या न हो पर मुझे हमेशा उसकी परवाह रही है और हमेशा रहेगी। 'आई लव यू' 'जान'।

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