Thursday, December 11, 2008

"दिल को सुकुन"

भगवान का लाख-लाख शुक्रिया कि आज उसका फोन आ गया। कल की पूरी रात सो नहीं पाया। मन में ऐसा लग रहा था जैसे की किसी ने मेरी जिन्दगी मुझसे छीन ली है। वो सारे पल याद आ रहे थे, जो मैंने उसके साथ बिताए थे। हमारी वो पहली मुलाकात जब मैं उससे पहली बार मिला था। और उसको पहली बार देखा था। उसका वो घबराया हुआ सा चेहरा आज भी मेरी आंखों से हटता नहीं जब उससे पहली बार हाथ मिलाया था तो उसका हाथ जोर-जोर से कांप रहा था। मैंने बड़े प्यार से उसका हाथ थामा और उसको विश्वास दिलाया कि वो डरे ना।

खैर पूरी रात सो नहीं पाया। जागता रहा। सुबह होते ही नहा-धोकर सबसे पहले पुजा की। अपने दिल का हाल उसके सिवा सिर्फ भगवान को बता सकता हूं। क्योंकि वे सबके दिल का हाल जानते हैं। हाथ जोड़कर अपनी सारी मन:स्थिति भगवान को बता दी। और भगवान से प्रार्थना की कि प्रभु दो दिन हो गए उसका कोई फोन नहीं आया। और मुझे डर है कि अगर आज नहीं आया तो फिर कभी भी नहीं आयेगा। भगवान से हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि प्रभु आज उसका फोन आ जाए। फिर मम्मी ने नाश्ता लगा दिया। करने का मन नहीं था फिर भी जबर्दस्ती किया क्योंकि अगर नहीं करता तो मम्मी परेशान हो जाती। और उनकी तबियत भी आजकल ठीक नहीं है। इसलिए जल्दी से नाश्ता करके 9:30 तक घर से निकल गया। और रास्ते में जितने भी मंदिर आए सबमें हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करता रहा कि प्रभु आज उसका फोन जरूर आ जाए।

10:00 बजे तक ऑफिस आ गया। पर उसका फोन नहीं आया। ज्यादातर 10:15 तक उसका फोन आ जाता है। जब 10:15 तक भी उसका फोन नहीं आया तो फोन आने की सम्भावना कम हो गई। और मेरा दिल भी बैठने लगा। अब मैंने उम्मीद भी छोड़ दी। तभी 10:26 मिनट पर फोन में वाइबरेशन हुई और मेरे दिल की धड़कने भी तेज हो गई। मैंने जल्दी से फोन उठाया नम्बर देखकर दिल को सुकुन मिला फोन उसी का था। मैंने जल्दी से फोन पिक किया। और अपनी दर्द भरी आवाज से उसे 'हाय' किया। उसने भी 'हाय' किया। मैंने उससे कहा 'थैंक गोड' तुमने फोन किया। दो दिन से तुम्हारे फोन का वेट कर रहा हूं। और मेरे दिल में भी कुछ अजीब-अजीब सा हो रहा है। अगर आज तुम्हारा फोन नहीं आता तो शायद मुझे कुछ हो जाता। उसने कहा ऐसी बात मत करो। मैंने उससे पूछा कि तुमने दो दिन तक फोन क्यों नहीं किया। उसने कहा 9 तारीख की 'ईद' की छुट्टी थी और कल 10 तारीख को 'देहरादून' बंद था। इसलिए मैं फोन नहीं कर पाई। मैंने उससे कहा कम से कम एक मैसेज तो कर सकती थी। उसने कहा हां पर जिस फोन से छुप कर वो मुझे कॉल करती है उसका बैलेंस खत्म हो गया था। मैंने उसे बताया कि तुम्हारा फोन ना आने से मुझ पर क्या-क्या बीती मैंने उससे कहा कि अगर मुझे मारना ही है तो एक ही बार मना कर दो मैं एक ही बार मर जाउंगा, यूं इस तरह इंस्टालमेंट में 'हार्ट अटैक' तो मत दो। उसने फिर से कहा कि ये फालतू की बकवास मत करो। तुमको कुछ नहीं होगा।

उसने कहा कि तुम ही तो कहते हो कि कर लेना हफ्ते 10 दिन में कॉल। मैंने उससे कहा इसका मतलब की तुम्हारा मन नहीं करता मुझसे बात करने का। इसलिए तुम ये कह रही हो उसने कहा करता है इसलिए तो तुमको फोन करती हूं। उसने कहा मैं भी तुमको मिस करती हूं। और मुझे पता है कि तुम पर क्या बीतती होगी। पर क्या करूं तुम भी तो मुझसे लड़ते रहते हों। मैंने कहा मैं कोई तुमसे 'इंटेशनली' नहीं लड़ता तुमसे प्यार करता हूं। और जब बहुत फस्टे्रट हो जाता हूं तो अपना गुस्सा तुम पर निकाल लेता हूं क्योंकि मेरी लाइफ में अगर मैंने सबसे ज्यादा किसी की परवाह की है तो सिर्फ तुम्हारी इसलिए तुम पर गुस्सा करके अपना मन हल्का कर लेता हूं। और फिर बाद में तुमसे Sorry भी तो मांग लेता हूं। अगर तुमको ये अच्छा नहीं लगता तो ठीक है अब से दुबारा तुमको कुछ नहीं कहुंगा। उसने कहा ठीक है कर लेना गुस्सा पर इतना ज्यादा भी मत किया करो। आज कल तुम्हारी सारी बातें बहुत सीरियस लगती हैं। और मैंने तुमको बोला न की मैं तुमको फोन करना नहीं छोडूंगी।

उसने कहा चलो अब मैं तुमको कल फोन करूंगी। क्योंकि परसो शनिवार है और फिर दो दिन तक इंस्ट्टीयूट बंद रहेगा। मैंने कहा चलो ठीक है मैं कल वेट करूंगा। उसने कहा ठीक है मैं कल पक्का फोन करूंगी। 'आई लव यू', मैंने भी कहा 'आई लव यू', 'टेक केयर', अपना ख्याल रखना और मेडीसन टाईम पर लेना और खाना भी टाईम से खाना। उसने भी कहा तुम भी अपना ख्याल रखना और 'टनशन' मत लेना। फिर दोनों ने फोन पर ही 'किस' किया। और फिर उसने फोन रख दिया।

1 comment:

मोहन वशिष्‍ठ said...

चलो ऊपर वाले का शुक्र है कि कम से कम फोन आ तो गया देर आए दुरुस्‍त आए अब तुम भी सोच लो कभी झगडा नहीं करना और हमेशा ये गाना गुनगुनाते रहो प्‍यार लो प्‍यार दो खुश रहो दोस्‍त