आज नहीं लग रहा था कि उसका फोन आयेगा। फिर मैं लगभग 10 बजे तक घर से निकल गया। और तभी 10:10 मिनट पर फोन में वाइबरेशन हुई, मैंने फोन देखा तो फोन उसी का था। मैंने फोन पिक किया। उसे 'हाय' बोला। उसने भी मुझे 'हाय' बोला। मैंने उससे पूछा अब कैसी हो। उसने कहा मैं ठीक हूं। तुम कैसे हो मैंने कहा मैं ठीक हूं। फिर उसने पूछा की तुमको मेरा मैसेज मिल गया था। मैंने कहा हां मिल गया था और तब से अपने ऊपर गुस्सा आ रहा है। उसने कहा क्यों। मैंने कहा बस ऐसे ही। फिर मैंने उससे कहा Sorry उसने कहा क्या, मैंने फिर कहा Sorry उसने कहा किस लिए। मैंने कहा मुझे तुमको उस दिन इतना कुछ नहीं बोलना चाहिए था। मुझे उसके बाद रिएलाइज हुआ कि शायद मैंने तुमको कुछ ज्यादा ही बोल दिया था। तुमको बहुत बुरा लगा होगा। उसने कहा नहीं मुझे बुरा नहीं लगा अच्छा हुआ तुमने मुझे डांटा इससे तुम्हारे दिल की सारी भडास निकल गई। फिर मैंने उसको अपने दिल की सारी बात बताई कि 'जान' मेरा ऐसा मन कर रहा था कि मैं भाग कर तुम्हारे पास आ जाऊं और तुम्हारी केयर करूं, तुम्हारा सिर दबाऊ, अपने हाथ से तुमको खाना खिलाउ और मेडीसन भी दूं। उसने कहा इतना ख्याल तो मम्मी भी मेरा नहीं रखती। और ये सब करने के बाद मेरा फीवर तुमको ट्रांसफर हो जाता। मैंने कहा मुझे परवाह नहीं मैं बस तुमको खुश देखना चाहता हूं।
मैंने कहा पर शायद मुझे लगता है कि तुम मुझसे खुश नहीं हो। इसलिए मैं तुमसे बहुत दूर जाना चाहता हूं। उसने कहा जहां भी जाओ मुझे अपना नम्बर ई-मेल कर देना। मैंने कहा शायद। उसने कहा इसका मतलब तुम मुझसे बात नहीं करना चाहते। मैंने कहा मैं तुमको भूलना चाहता हूं। और शायद तुम भी यही चाहती हो। मेरी वजह से तुम दुखी रहो या डिस्ट्रब रहो ये मुझे बर्दाश्त नहीं। उसने कहा मैं तुम्हारी वजह से दुखी नहीं हूं। उसने कहा हां अगर तुमको कोई और पसंद आ गई है तो मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है। मैंने कहा ऐसी कोई बात नहीं है। अब और कोई इस दिल में आएगी भी नहीं। पहली बार में ही दिल इतनी जोर से टूटा है कि अब तक दर्द करता है। अब और दुबारा दिल तुड़वाने की ताकत मुझ में नहीं है। मैं तुमसे सिर्फ एक बात कहना चाहता हूँ कि 'आई लव यू' और हमेशा करता रहूंगा। मैं तुमको दुखी नहीं देख सकता। मैंने कहा लगभग 3 महीने हो गए हैं मुझे सोए हुए। पूरी रात जागता रहता हूं। उसने कहा मैं भी तुमको मिस करती हूं पर मैं तो तुमको याद करते-करते सो जाती हूं। मैंने कहा यही फर्क है तुम में और मुझ में मैं तुम्हारी याद में जागता रहता हूं और तुम सो जाती हो। मैंने कहा जिस दिन तुम मुझको बोल दोगी की मैं तुमसे बात नहीं करना चाहती। उस दिन के बाद मैं तुमसे कभी बात नहीं करूंगा। उसने कहा अब तुम ऐसी बात करोगे। मैंने कहा नहीं मैं बस तुमको दुखी नहीं देख सकता। उसने कहा मैं तुमसे दुखी नहीं हूं। मैं भी तुमसे प्यार करती हूं और करती रहूंगी। मैंने कहा ठीक है जब तक तुम मुझे मना नहीं करोगी मैं भी तुमसे बात करूंगा। उसने कहा चलो अब मैं कल बात करूंगी। मैंने कहा ठीक है अपना ख्याल रखना और दवाई टाईम पर लेना और खाना भी ठीक से खाना। मैं कल तुम्हारा वेट करूंगा। 'आई लव यू' 'टेक केयर'।
कल एक फिल्म देखी 'रब ने बना दी जोड़ी' उसमें शाहरूख खान, अनुशका शर्मा से यही पूछता है कि 'आखिर एक लड़की क्या चाहती है।' शायद यही सवाल मेरा भी था। उसमें अनुशका बताती है कि एक लड़की एक ऐसा साथी चाहती है जो कि उसे किसी से भी ज्यादा प्यार करे। उसे दौलत-शौहरत नहीं चाहिए न ही एक साथी के रूप में एक बॉडीगार्ड जो कि अपनी मसल्स दिखाकर उसके आसपास घूमता रहे।'' लेकिन बेचारा शाहरूख खान जिसने की इस फिल्म में दो किरदार निभाएं हैं एक में बिल्कुल सिम्पल मीडिल क्लास जो कि अनुशका का पति है और दूसरे में एक दम हिरो की तरह डैशिंग। और वो भी अनुशका को बहुत प्यार करता है। पर वो ही उसके प्यार को समझ नहीं पाती। लग रहा था कि बिल्कुल सेम कहानी मेरी ही चल रही है फर्क सिर्फ इतना है कि उसमें शाहरूख की शादी अनुशका से हो चुकी थी और मेरी कहानी में वो मुझसे शादी नहीं करना चाहती। अगर वाकई में लड़की को सिर्फ एक ऐसा साथी चाहिए जो कि उसे दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करे तो मेरी स्टोरी में वो मेरे प्यार को क्यों नहीं समझ पा रही है। मैं भी उसे दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करता हूं। और उसे हमेशा खुश देखना चाहता हूं। उस फिल्म में शाहरूख खान को अनुशका में 'रब' दिखता है और बाद में अनुशका को भी शाहरूख खान में 'रब' दिख जाता है। पर मेरी कहानी में मुझे तो उसमें 'रब' दिख रहा है। लेकिन पता नहीं उसे मुझमें कब 'रब' दिखेगा।
'जान' मैं तुमसे यही कहना चाहता हूं कि-
तू ही तो जन्नत मेरी, तू ही मेरा जूनून
तू ही तो मन्नत मेरी, तू ही रूह का सुकून
तू ही आंखों की ठंडक, तू ही दिल की है दस्तक
और कुछ ना जानू मैं, बस इतना ही जानू..
तुझ में रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं
तुझ में रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं
तू ही तो मन्नत मेरी, तू ही रूह का सुकून
तू ही आंखों की ठंडक, तू ही दिल की है दस्तक
और कुछ ना जानू मैं, बस इतना ही जानू..
तुझ में रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं
तुझ में रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं
सजदे सर झुकता है, यारा मैं क्या करूं
तुझ में रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं
1 comment:
Very good! Supports the blog master!
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