Wednesday, December 3, 2008

"उसका जवाब"

दो दिन पहले उसने मुझे अपना जवाब देने के लिए कहा था। आज दो दिन पूरे हो गए। पर ये दो दिन मेरे लिए कैसे गुजरे मैं उनको शब्दों में बयां नहीं कर सकता। एक-एक पल ऐसे निकला जैसे कि सौ-सौ जन्म। हर पल यही सोचता रहता था कि पता नहीं उसका जवाब क्या होगा। मेरे फेवर में होगा या मेरे अगेन्सट। आज की पूरी रात मैंने जागते हुए निकाली। कल मेरे दोस्त की शादी भी थी। पर मेरा मन वहां पर नहीं लग रहा था। शायद मैं शादी में जाता भी नहीं पर वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। अगर मैं वहां नहीं जाता तो शायद वो मुझसे कभी बात नहीं करता। इसलिए मैं वहां गया पर मेरे मन में हर पल उसी की याद घूम रही थी कि पता नहीं उसका क्या जवाब होगा। finally सुबह हुई और मैं उठा और नहा-धोकर सबसे पहले मंदिर गया और वहां जाकर भगवान से प्रार्थना की कि भगवान आज वो अपना जवाब देने वाली है। उसका जवाब मेरे फेवर में हो। भगवान आज आप कुछ ऐसा चमत्कार दिखा देना। फिर घर आकर के अपनी रोज का पूजापाठ और गीता का पाठ पढ़ा। तब भी मन में यही द्वन्द्व चल रहा था कि आज वो क्या जवाब देगी। फिर पूजा-पाठ करने के बाद मम्मी ने चाय बना दी। चाय पीने तक लगभग 10 बज चुके थे। मैं उसके फोन का इंतजार बेसर्बी से कर रहा था। 10:08 मिनट पर मेरे फोन की बैल बजी फोन उसी का था। मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई। जैसे कि आज मेरा कोई रिजल्ट आने वाला हो। मैंने फोन पिक किया और उसे हॉय कहा और उसने भी। फिर मैंने उसको पूछा कि कैसी हो, उसने कहा अच्छी हूं। मैंने कहा मुझे नहीं लग रहा था कि तुम आज फोन करोगी। उसने कहा जब बोला था कि करूंगी तो तुमको क्यों लग रहा था कि नहीं करूंगी। मैंने कहा मुझे नहीं पता। फिर मैंने कहा मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे आज मेरा फाइनल का रिजल्ट आने वाला है। उसने भी कहा कि मुझे भी ऐसा ही लग रहा है कि आज मेरा Exam है। फिर मैंने उससे पूछा- ''तो क्या जवाब है। उसने कहा रिजल्ट तुम्हारे Favor में नहीं है। मैंने कहा ओके। मैंने पूछा क्यों नहीं है। उसने कहा वो इसलिए क्योंकि मुझे कुछ प्रोब्लम है। मैंने पूछा क्या प्रोब्लम है। फिर उसने बताया कि उसे कुछ मेडिकली प्रोब्लम और उसका ट्रिटमेंट चल रहा है।" ये प्रोब्लम उसने मुझे पहले भी बताई थी। पर मैंने उसपर इतना विचार नहीं किया था। मैं उस बीमारी को सबको नहीं बताना चाहता। उसने मुझसे कहा है कि मैं उसकी बीमारी को किसी और को ना बताऊ। मैंने उससे कहा कि क्या सिर्फ यही एक कारण है कि तुम मुझसे शादी नहीं कर सकती या कोई और भी कारण है। उसने मुझसे कहा कि सिर्फ यही कारण है इसलिए मैं तुमसे शादी नही कर सकती। क्योंकि मेरे घरवाले भी मेरी शादी नहीं करेंगे जब तक मैं पूरी ठीक नहीं हो जाती। फिर मैंने उसे समझाया कि 'जान' एक बात बताओ की अगर ये बीमारी तुमको शादी के बाद हो जाती तो क्या मैं तुमको तलाक दे देता या तुमको घर से निकाल देता। या अगर शादी के बाद मेरा भी Accident हो जाता और मेरी टांग टूट जाती तो भी क्या तुम मुझे छोड़ देती। ऐसा नहीं होता 'जान' मुझे तुम अब भी Accept हो तुम जैसी भी हो। मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है।

वो फिर भी नहीं मान रही थी। उसका कहना था कि तुम तो Accept कर लोगे But तुम्हारी मम्मी मुझे बाद में ताने देगी। मैंने उसे बहुत समझाया कि 'जान' तुम डरो मत तुमको कोई कुछ नहीं कहेगा। मेरी मम्मी तुमको कुछ नहीं कहेगी। पर वो फिर भी नहीं मान रही थी। बहुत समझाने के बाद भी जब वो नहीं मानी तो मैंने उससे कहा कि 'जान' मैं तुम्हारा जिन्दगी भर Wait कर सकता हूं। जब तक तुम ठीक नहीं हो जाती। कम से कम मुझे इतना हक तो दे दो कि जब तुम ठीक हो जाओगी तो हम शादी कर लेंगे। अब चाहे तुम जब भी ठीक हो, मैं तुम्हारा तब तक Wait करूंगा। तब उसने कहा ठीक है। तब जाकर मेरी जान में जान आई कि अब मैं उसके लिए कितना भी समय Wait कर सकता हूं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि कम से कम अभी भी वो मुझसे से टच में है। अभी भी मुझसे बात करती है। अभी भी प्यार करती है। पर इस सबके साथ-साथ एक डर भी है कि कहीं वो मेरा साथ ना छोड़ दे। और कहीं मुझसे बात करना बंद ना कर दे।

'जान' कुछ भी हो जाए तुम मुझसे बात करना मत छोड़ना। और मुझसे प्यार करना बंद मत करना। क्योंकि मैं भी नहीं कर सकता। 'आई लव यू'

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