Monday, December 29, 2008

"भगवान ये विश्वास बनाए रखना"

आज दिल कुछ खुश लग रहा है। आज उससे बात की है। आज उसकी बातों से लगा कि वो अभी भी मुझसे सचमुच प्यार करती है। पिछले दो दिन बड़े बेचैनी भरे थे। कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि शायद अब उसको हमेशा के लिए खोना पड़ेगा। इस ख्याल से ही दिल में और पेट में एक अजीब सा दर्द उठ रहा था। दो दिन तक इन्हीं सवालों पर सोचता रहा कि सोमवार को उससे क्या बोलूंगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि वो सचमुच मुझसे पीछा छुडाना चाहती है तो फिर मैं क्यों उसके रास्ते का रोड़ा बना हुआ हूं। मुझे कोई हक नहीं है कि मैं उसकी जिंदगी में दखलअंदाजी करूं। क्योंकि मैंने उससे प्यार किया है। पर शायद वो उस प्यार को ठीक से समझ नहीं पाई। इसलिए शायद मुझे उसकी जिंदगी से निकल जाना चाहिए। यही सब बातें सोचकर मैंने एक निश्चय किया कि सोमवार को उसको इन सब बंधनों से हमेशा के लिए आजाद कर दूंगा। क्योंकि वो भी यही चाहती है पर शायद वो अपने मुंह से कभी नहीं बोलेगी। उसकी कुछ बातों से मैंने ये नतीजा लगाया। एक बार जब उसने मुझसे ये कहा था कि मैं तुमको आजाद करती हूं, तुम कहीं भी शादी कर सकते हो। मैं तुमको लटकाना नहीं चाहती। मेरी तरफ से तुम आजाद हो। दूसरा उसने ये बोला था कि उसकी मम्मी ने ये कहा है कि हम सिर्फ अपनी कास्ट टाईटल वाले को ही एक्सप्ट करेंगे। और तीसरा उसने कुछ बातें मुझसे छुपाने की कोशिश की। तो आज मैं भी उसको यही बोलने वाला था कि 'जान' मैं भी तुमको आजाद करता हूं। हमेशा के लिए।

खैर आज का दिन मेरे लिए बहुत मुश्किल होने वाला था। मुझे अपने पर विश्वास नहीं हो रहा था कि क्या आज मैं उसको ये सब बोल भी पाउंगा या नहीं। इसलिए सुबह जल्दी उठ गया क्योंकि सोए हुए तो एक जमाना हो गया है अब तो लगता है नींद तभी आएगी जब हमेशा के लिए मौत की गोद में सो जाएंगे। उठ कर के भगवान का नाम लिया। नहा-धोकर के अपनी रोज की तरह पुजा-पाठ की और आज सोमवार था। और हर सोमवार को मंदिर भी जाता हूं सो मंदिर भी गया। पर वहां पर भी उसका मोह नहीं छुटा वहां जाकर भी हमेशा जो मांगता हूं वही मांगा कि भगवान उसे किसी तरह मेरे प्यार का विश्वास दिला दो। मेरी 'जान' को मुझे वापिस लौटा दो। मंदिर के सभी देवी-देवताओं पर अपना माथा टेका और सबसे अपने प्यार को वापिस पाने की प्रार्थना की। फिर घर आकर नाश्ता किया और घर से निकल गया। ऑफिस पहुंचकर शांति से बैठ गया और उसके फोन का वेट किया।

10.20 मिनट पर फोन वाईबरेट हुआ। मुझे पता था कि फोन उसी का है। मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई। मैंने फोन उठाया और पिक किया। पर कुछ बोला नहीं। उसने वहां से 'हाय' कहा। मैंने भी 'हाय' कहा। फिर उसने पूछा कि 'गुस्सा हो'। मैंने कहा नहीं मैं गुस्सा नहीं हूं। और वैसे भी मेरे गुस्सा होने या न होने से किसी पर फर्क भी क्या पड़ता है। उसने कहा 'फर्क पड़ता है'। मैंने कहा नहीं किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। फिर उसने कहा 'जान' I am sorry मैंने कहा तुम Sorry क्यों बोल रही हो वो तो मुझे बोलना चाहिए शायद मैं तुम पर अपना कुछ ज्यादा ही हक जता रहा था। और अपनी हद भूल गया था। उसने फिर से कहा I am sorry मैं सचमुच उस दिन भूल गई थी तुमको बताना। तुम प्लीज ऐसे मत बोलो। मुझे पता है कि तुम गुस्से में हो। अब प्लीज अपना गुस्सा छोड़ तो और मुझे माफ कर दो। मैं तुमसे Sorry बोल रही हूं। और हां तुमको एक बात और बतानी थी कि मैंने पापा से अपना मोबाइल मांग लिया है। और शायद मुझे एक-दो दिन में मिल जाएगा। पर नम्बर शायद दूसरा मिलेगा। वो मैं तुमको बता दूंगी। फिर मैंने उसको मुबारक बात दी। और कहा कि चलो अच्छा है अब तुम अपना कैरियर बनाना। उसने कहा तुम ऐसा क्यों बोल रहे हो। तुमको खुशी नहीं हुई। मैंने कहा मैं खुश हूं। वैसे मुझे भी तुमको एक 'गुड न्यूज' देनी थी। उसने पूछा वो क्या। मैंने कहा हां तुम्हारे लिए तो गुड न्यूज है पर मेरे लिए थोड़ी 'बैड' है। उसने फिर से पूछा कि क्या न्यूज है। मैंने उसको बोला कि मैं अपना नम्बर बंद कर रहा हूं। उसने कहा क्यों दूसरा नम्बर ले रहे हों। मैंने कहा अब मैं अपने पास कोई फोन नहीं रखूंगा। ये सुनते ही उसकी आवाज धीमी हो गई। उसने कहा तुम ऐसा क्यों कर रहे हो मेरे साथ। मैंने कहा क्यों तुम भी तो ये ही चाहती थी। उसने कहा नहीं मैं ये नहीं चाहती। और फिर वो रोने लगी। उसने कहा मैं तुमको चाहती हूं। तुम ऐसा मेरे साथ क्यों कर रहे हो। तुमसे बात करने के बाद मुझे खुशी मिलती है। उसने रोते हुए मुझसे कहा 'आई लव यू'। मैंने भी उसको 'आई लव यू' कहा और अब मेरी भी आंखों में आंसू आ गए। मैंने उसको बोला कि 'जान' तुमसे एक बात बोलना चाहता हूं। उसने कहा क्या मैंने कहा 'जान' आई लव यू मैं तुमसे आज भी बहुत प्यार करता हूं। और तुम विश्वास नहीं कर सकती कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं। उसने कहा मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं। प्लीज तुम मुझे माफ कर दो। मैंने कहा जान नहीं अब मैं और तुम्हारी लाईफ में इंटरफेयर नहीं करना चाहता। उसने कहा 'जान' मैं भी तुमसे दूर नहीं होना चाहती। तुम चाहते हो और इसलिए तुम ही मुझसे पीछा छुडाना चाहते हो। मैंने कहा मैं ऐसा नहीं चाहता तुम चाहती हो इसलिए मैं ये कर रहा हूं। क्योंकि अब तुमको मुझ पर ट्रस्ट नहीं रहा। अब तुम मुझपर विश्वास नहीं करती। उसने कहा ऐसा नहीं है मैं अभी भी तुम पर ट्रस्ट करती हूं। तुम प्लीज मुझसे बात करना बंद मत करो। मैंने कुछ देर तक सोचा और उससे कहा ठीक है मैं तुम्हारी बात पर यकीन करता हूं। पर तुम मेरी कसम खाकर कहो की मुझे कभी धोखा नहीं दोगी। मुझसे कभी चिटिंग नहीं करोगी। और मुझसे ही शादी करोगी। उसने कहा हां मैं अपनी कसम खाकर कर कहती हूं कि मैं तुमको धोखा नहीं दूंगी। मैंने कहा अपनी नहीं मेरी कसम खाकर कहो। उसने कहा ठीक है तुम्हारी कसम मैं तुमको धोखा नहीं दूंगी तुमसे ही शादी करूंगी। पर तुम पहले ये बोलो कि अब तुम मुझसे गुस्सा नहीं हो और अपना नम्बर बंद नहीं करोगे और मुझसे बात करना नहीं छोड़ोगे। मैंने कहा हां अब मैं गुस्सा नहीं हूं, पर मेरे विश्वास को कभी मत तोड़ना जिस दिन मुझे लगा कि तुमने मेरा साथ छोड़ दिया है या मुझ धोखा दिया है वो दिन मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। उसने कहा ऐसा मत बोलो। मैंने कहा मैं सच बोल रहा हूं। उसने कहा मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।

फिर मैंने उसको अपनी पिछली दो पोस्ट पढ़ कर सुनाई उसने कहा तुमने लिखी हैं मैंने कहा हां तुमने कसम जो दी थी। उसने कहा और आज लिखोगे मैंने कहा तुम बोला उसने कहा हां जरूर लिखना तुमने जो भी लिखा है अच्छा लिखा है। पर अब तो तुम मुझसे नाराज नहीं हो ना। मैंने कहा नहीं अब नहीं हूं, पर तुम मुझे धोखा मत देना। उसने कहा नहीं दूंगी, नहीं दूंगी, नहीं दूंगी। फिर उसने कहा चलो अब मैं चलती हूं। मैंने कहा ठीक है। अपना ख्याल रखना। आज मेडीसन ली। उसने कहा नहीं आज भी भूल गई। मैंने उसको फिर से डांटा कि प्लीज अपना ख्याल रखा करो। अपनी मेडीसन टाईम पर लिया करो। उसने कहा ठीक है। फिर दोनों ने एक दूसरे को 'किस' किया और 'आई लव यू' बोल कर फोन रख दिया।

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