Saturday, December 13, 2008

"उफ़ मेरा गुस्सा"

कल उसका फोन नहीं आया। और आज कोई उम्मीद भी नहीं थी पूरी रात उसके बारे में ही सोचता रहा कि आखिर उसने कल फोन क्यों नहीं किया। रोज सुबह जल्दी उठ जाता हूं पर आज उठ कर के दुबारा से लेट गया और 9:00 बजे उठा ऐसा लग रहा था कि लाईफ में जैसे कोई एक्साईटमेंट ही नहीं हो। फिर नहा-धोकर रोज की तरह पुजा की और फिर नाश्ता करके घर से निकल गया। आज बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि आज कोई उम्मीद भी नहीं थी कि उसका फोन आयेगा इसलिए मैंने एक बार भी मोबाईल को नहीं देखा। फिर ऑफिस आकर काम में लग गया। आज ऑफिस में भी बहुत काम था। इसलिए सुबह पोस्ट करने का टाईम नहीं मिला।

तभी 11:21 मिनट पर फोन में वाईबरेशन हुई। मैंने मोबाइल उठाकर नम्बर देखा तो मैं हैरान रह गया। फोन देहरादून से ही था। मैंने फोन रिसीव किया। उसने हंसते हुए 'हाय' कहा। मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं उसे क्या कहूं। पर मैंने भी उसे 'हाय' कहा। और उससे पूछा की ''तुमको फुर्सत मिल गई फोन करने की।'' उसने कहा हां तुमसे बात करने का मन कर रहा था। मैंने कहा आज कैसे घर से निकल गई क्योंकि आज तो तुम्हारी छुट्टी होती है। उसने कहा हां बस निकल गई क्योंकि आज मैडम ने बोला था कि की तुम्हारी एक्सट्रा क्लास है। सुबह 10 से 11 इसलिए अब आकर तुमको फोन किया। मैंने कहा इस 'फोरमैलटी' की भी क्या जरूरत थी। न भी करती तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता किसी की सेहत पर। उसने कहा मैं कल भी फोन करने वाली थी, पर जिस एसटीडी से मैं फोन करती हूं वो एसटीडी बंद थी और दूसरी वाली में फोन खराब था इसलिए कल मैं फोन नहीं कर पाई। मैंने कहा तुम्हारे पास मेरी हर बात का एक्सक्युज होता है। और अगर वो दो एसटीडी बंद थी तो इसका मतलब की पूरे जहान की एसटीडी बंद थी। उसने कहा कि तुम अब लड़ो मत मुझसे मैं सच कह रही हूं। मैंने कहा अगर कोई प्रोब्लम थी भी तो तुम मुझे कम से कम एक मैसेज तो करके बता सकती थी। तो उसने कहा हां कर तो सकती थी 'बट' मैंने तुमको बताया न की जिस फोन से मैं तुमको छुप कर मैसेज करती हूं उसमें बैलेंस नहीं है। फिर उसने कहा अब जहां से मैं फोन कर रही हूं, उसकी owner भी कह रही है कि जल्दी करो और भी फोन करेंगे उसने कहा चलो मैं तुमको किसी दूसरी जगह से फोन करती हूं, अगर टाईम मिला तो मैंने कहा इसकी कोई जरूरत नहीं है तुम अपना टाईम खराब मत करो तुमको घर जाना होगा तो तुम घर जाओं मैं जीयूं या मरूं तुमको क्या फर्क पड़ता है। मुझपर इतना अहसान करने की जरूरत नहीं है। उसने कहा मैं अहसान नहीं कर रही हूं मेरा भी मन है बात करने का मैं पक्का तुमको फोन करूंगी। उसने कहा 'बाय' मैंने भी 'बाय' कहा फिर उसने कहा 'आई लव यू' मैंने भी कहा 'आई लव यू' और फोन काट दिया।

फिर 11:48 पर उसका दूबारा फोन आया। उसने कहा तुम मुझसे लड़ों मत मैंने कहा था न कि मैं दुबारा फोन करूंगी। मैंने कहा फोन करके तुमने मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया। उसके लिए तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद। उसने कहा मैंने कोई उपकार नहीं किया। मेरा मन था तुमसे बात करने का इसलिए फोन किया। फिर मैंने उससे कहा कि तुम मुझसे क्या चाहती हो। उसने कहा मैं कुछ नहीं चाहती मैं तुमसे प्यार करती हूं। मैंने कहा प्यार का मतलब भी समझती हो। उसने कहा हां जानती हूं। उसने कहा तुम क्या सुनना चाहते हो मुझसे की मैं तुमसे प्यार नहीं करती। मैंने कहा मैं सच सुनना चाहता हूं। अगर अब मैं तुम्हारे लिए एक परेशानी बन गया हूं तो मुझे बता दो मैं हमेशा-हमेशा के लिए तुम्हारी जिन्दगी से निकल जाउंगा। उसने कहा मैं एसा नहीं चाहती तुम ही शायद ऐसा चाहते हो कि मैं तुमसे बात न करूं पर मैं तुमसे हमेशा बात करती रहूंगी जब तक की तुम मुझे मना नहीं करते फोन करने या बात करने से। मैंने कहा ये मैं नहीं तुम ही ऐसा चाहती हो। मुझे तो ये तुम्हारी ही स्ट्रटेजी लगती है कि मुझे इसी तरह परेशान करती रहो एक दिन ये खुद ही थककर तुमसे बात करना बंद कर देगा। उसने कहा जी नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं चाहती। ऐसा सिर्फ तुमको लग रहा है। वो शायद इसलिए कि अब हम पहले की तरह 'टच' में नहीं रहते पहले हम रोज फोन पर बात किया करते थे। मैसेज किया करते थे और 'मिस कॉल' दिया करते थे। और 24 घंटे सिर्फ एक दूसरे के बारे में ही सोचते रहते थे। अब मैं क्या करूं मेरा फोन अब मेरे पास नहीं है। इसलिए तुमको ऐसा लग रहा है। उसने कहा मैं अभी भी तुमसे प्यार करती हूं।

मुझे नहीं पता की वो जो कह रही है वो सच कह रही है या झुठ मैंने उसको भी यही बोला की मुझे नहीं पता जो तुम कह रही हो वो सच है या झुठ पर देखा अगर जो तुम सच कह रही हो तो ठीक है अगर ये सब तुम झुठ बोल रही हो तो इस बात का अहसास तुमको एक न एक दिन जरूर होगा कि तुमने किसी को धोखा दिया है। और किसी के दिल के साथ खेला है। तुम चाहे जितनी इज्जत शोहरत और पैसा कमा लो पर तुम्हारी आत्मा तुमको ये हमेशा याद कराती रहेगी कि तुमने किसी को धोखा दिया था। वो तुमको कभी भी चैन से रहने नहीं देगी और इस बात का अहसास तुमको आज नहीं तो कल या 10 साल बाद या 50 साल बाद जरूर होगा। जब तुम्हारे पास कोई नहीं होगा। सिवाये तन्हाई के तब तुमको मेरी ये सब बातें जरूर याद आएंगी और ये एहसास होगा कि सच्चे प्यार को ठोकर मारकर और किसी के दिल को तोड़कर तुमने कितना बड़ा पाप किया था।

ये सब सुनकर उसकी आवाज नहीं निकली और वो बिल्कुल चुप हो गई मैंने उससे पूछा तुम सुन रही हो उसकी आवाज रोने जैसी हो गई। और बोली हां। फिर मैंने सोचा की शायद मैंने कुछ ज्यादा ही बोल दिया है। और बात को डाईवरट करते हुए मैंने उससे पूछा 'आई लव यू' और उससे भी पूछा 'यू लव मी और नॉट' उसने कहा हां। मैंने कहा क्या 'यू लव मी नॉट' उसने कहा नहीं 'आई लव यू' तब वो थोड़ी हंसी। मैंने कहा मुझे लगा की तुम कह रही हो 'यू लव मी नाट'। फिर मैंने उससे कहा कि तुमको मेरी बातें अच्छी नहीं लग रही होंगी। उसने कहा नहीं अच्छी लगी। मैंने कहा शायद तुमको मेरी बातें प्रवचन लग रही होंगी। उसने कहा हां। मैंने कहा ये प्रवचन नहीं है, सच है।

फिर मैंने उससे पूछा की अब कब फोन करोगी उसने कहा अब मैं नहीं बताउंगी क्योंकि अगर फिर फोन नहीं कर पाई तो तुम फिर गुस्सा करोगे। मैंने कहा ऐसी बात नहीं है। तुम सोमवार को फोन करना। उसने कहा ठीक है। मैं सोमवार को फोन करूंगी। उसने कहा अब मैं चलती हूं क्योंकि घर जाकर मम्मी को सारी रिपोर्ट देनी पड़ती है। मैंने कहा ठीक है जाओं उसने कहा 'आई लव यू' मैंने भी कहा 'आई लव यू टू'।

1 comment:

मोहन वशिष्‍ठ said...

भाई अगले की कोई मजबूरी भी हो सकती है और तुमने इस तरह से डांट दिया कहां तक जायज हे गलत लगी तुम्‍हारी बात डियर अब माफी भी मांग कर मना लो कहीं ज्‍यादा ही ना रूठ जाए ओके जानम समझा करो जानम समझा करो
एक दो गाने भी उन्‍हें सुनाओ बढिया टूटे हुए दिल के नहीं रोमांटिक जैसे पुरानी फिल्‍मों में राजेश खन्‍ना या और कोई सदाबहार हीरो गाता है बन जाओ तुम भी उनके हीरो